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मार्च में ही पडऩे लगी अप्रैल की गर्मी, राहत पानी घरों में चालू हुआ पंखे, कूलर व एसी

locationजांजगीर चंपाPublished: Mar 13, 2018 02:26:44 pm

Submitted by:

Shiv Singh

– मौसम विशेषज्ञ ठंड समाप्त होने के साथ गर्मी लंबे समय तक बने रहने की बात कह रहे हैं।

मार्च में ही पडऩे लगी अप्रैल की गर्मी, राहत पानी घरों में चालू हुआ पंखे, कूलर व एसी
जांजगीर-चांपा. मार्च महीने में ही गर्मी अपने शबाब पर पहुंच गई है। गर्मी का अहसास होते ही लोगों ने पंखे, कूलर, एसी का उपयोग शुरू कर दिया है। मंगलवार को दिन का तापमान अधिकतम 36 डिग्री था। अप्रैल में पडऩे वाली गर्मी मार्च में ही महसूस की जा रही है। इधर मौसम विशेषज्ञ ठंड समाप्त होने के साथ गर्मी लंबे समय तक बने रहने की बात कह रहे हैं। शाम के समय भी हवा की नरमी गायब हो चुकी है और गरम हवाएं चलने लगी है।
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मौसम विभाग के अनुसार अप्रैल में सूरज की किरणें और तेज हो जाएंगी। उत्तर-पश्चिम से आ रही हवा के कारण रात में शहर के आउटर में हल्की ठंड का अहसास है, लेकिन दिन में उतनी ही गर्मी महसूस हो रही है। शहर में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 20 डिग्री दर्ज किया गया है। यह सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा है, जबकि दिन का तापमान 36 डिग्री तक पहुंच गया है।

हवा में आद्र्रता सुबह 50 फीसदी थी, जो शाम तक घटकर 20 फीसदी रह गई। दिन में शुष्क हवा के कारण वातावरण की नमी सुबह की अपेक्षा शाम को घटकर 30 फीसदी रह गई। इससे गर्मी का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इसी तरह से गर्मी के अब लगातार बढऩे की बात कही जा रही है। अब न्यूनतम तापमान के भी बढऩे की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि इसके पूर्व के वर्षों में मार्च महीने के दौरान तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही रहता था, लेकिन मार्च का आधा महीना भी नहीं गुजरा है और तापमान बढ़कर 36 डिग्री जा पहुंंंचा है।

ट्रांसफार्मरों पर बढऩे लगा लोड
विद्युत विभाग के अनुसार जिले में 60 मेगावाट विद्युत की खपत होती है, जो गर्मी में बढ़कर 147 मेगावाट तक पहुंच जाती है। अभी ट्रांसफार्मरों में लोड बढऩा शुरू हो गया है। फरवरी माह में जिले में 55 मेगावाट विद्युत की खपत थी, जो मार्च महीने में 70 मेगावाट तक पहुंच गई है।

विद्युत विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जहां ट्रांसफार्मर में खराबी व लोड बढऩे की सूचना मिलती है, वहां तत्काल रिप्लेसमेंट व सुधार कार्य कर दिया जाता है। इस वर्ष रवि में किसानों ने धान की फसल ज्यादा नहीं ली है, इसलिए मोटर पंप नहीं चल रहे। इससे खपत ज्यादा नहीं बढ़ रही है और न ही लो-वोल्टेज की समस्या आ रही है, लेकिन बढ़ते तापमान के कारण घरों में ही बिजली की खपत ज्यादा होने लगी है।
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