scriptस्वास्थ्यकर्मियों ने किया विभाग के कारनामों का खुलासा, कहा – पॉजिटिव को भी नेगेटिव बताने का बनाते थे दबाव | Hiding the figures of corona positive and death case, staff exposed | Patrika News

स्वास्थ्यकर्मियों ने किया विभाग के कारनामों का खुलासा, कहा – पॉजिटिव को भी नेगेटिव बताने का बनाते थे दबाव

locationजांजगीर चंपाPublished: Jul 28, 2021 06:45:51 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

कोरोना काल के वक्त हमने जान जोखिम में डालकर नौकरी की थी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के कारनामों का खुलासा करते बताया कि ड्यूटी के दौरान हमें कहा जाता था कि पॉजिटिव रिपोर्ट भी नेगेटिव ही दर्ज करना है।

Corona : गुजरात में 14120 संक्रमित और 174 की मौत

Corona : गुजरात में 14120 संक्रमित और 174 की मौत

जांजगीर-चांपा. स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना काल के दौर में तीन महीने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की भर्ती की थी। कोरोना खत्म होने के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। इसके बाद यही निकाले गए कर्मचारी कचहरी चौक जांजगीर में हड़ताल पर बैठ गए और स्वास्थ्य विभाग की पोल परत-दर परत खोल रहे हैं। इन स्वास्थ्यकर्मियों ने पत्रिका को बताया कि कोरोना काल के वक्त हमने जान जोखिम में डालकर नौकरी की थी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के कारनामों का खुलासा करते बताया कि ड्यूटी के दौरान हमें कहा जाता था कि पॉजिटिव रिपोर्ट भी नेगेटिव ही दर्ज करना है।

यह भी पढ़ें: तीसरी लहर में कुपोषित बच्चों को सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती, इन बातों का रखें ध्यान

स्वास्थ्यकर्मी संघ के सदस्यों ने बताया कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुरू से अंत तक केवल कोरोना के पॉजिटिव आंकड़ों को छिपाने पर फोकस किया है। ताकि राज्य जिले का आंकड़ा कम दिखाई दे। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हम पर मौत के आंकड़े छिपाने का भी दबाव था। इसके पीछे बड़ी वजह यह थी कि अफसरों पर राज्य स्तर से दबाव था और कई बार उनके नाम से नोटिस भी जारी हो चुका है। बीते दिवस यह बातें भी सामने आई थी कि जब स्टेट से मौत के आंकड़ों के खुलासे हुए तब एक ही दिन में 66 लोगों की मौत की लिस्ट जारी हो गई।

यह भी पढ़ें: कोरोना के ट्रेंड में नया बदलाव, 24 घंटे में मिले इतने पॉजिटिव, कहीं वायरस की री-एंट्री तो नहीं

डेटा में भारी हेराफेरी
कोविड रिपोर्ट के डाटा तैयार करने में ब्लॉक डाटा मैनेजर (बीडीएम) के ऊपर दबाव बनाया जाता था। जिसके चलते वह फर्जी रिपोर्ट भर देता था। यदि रिकॉर्ड चेककर देखें तो किसी का नाम फर्जी निकलेगा या फिर किसी का मोबाइल नंबर व पता।

आरटीआई से सामने आ जाएगी असलियत
विभाग से निकाले गए कर्मचारियों ने बताया कि यदि सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी जाए कि अब तक कुल कितनी एंटीजन किट आई और कितने की जांच हुई, आरटीपीसीआर जांच कितनी की गई और कितनी रिपोर्ट इनवैलिड थी। मामले की जांच में भी खुलासे हो सकते हैं।

यह भी पढ़ें: खतरा बरकरार: एमपी, यूपी समेत 7 राज्यों में जितने मरीज मिले, उतने अकेले छत्तीसगढ़ में

सीएमएचओ डॉ. एसआर बंजारे ने कहा, नौकरी जाने के बाद निकाले गए कर्मचारी कुछ भी बोलेंगे। उनका आरोप बेबुनियाद व पूरी तरह से निराधार है।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. पुष्पेंद्र लहरे ने कहा, यह सवाल मेरे लेवल से ऊपर का है। इस संबंध में सीएमएचओ ही कुछ जवाब दे सकते हैं। मैं इस संबंध में कुछ नहीं बोल पाऊंगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो