जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल कोरबा संभाग के ईई एके निखरा ने जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय में जिला पंचायत कार्यालय की ओर जाने वाली रोड में एक व्यवसायिक भूखंड के आवंटन की निविदा जारी की थी। इस भूखंड का आकार 2195 वर्ग फिट है। इसके लिए विभाग ने पहली बार निविदा 19 अप्रैल 2018 को निकली थी। इस निविदा प्रक्रिया में जांजगीर निवासी अंकुश गुप्ता व रश्मि गुप्ता ने आवेदन किया था।
इतना ही नहीं उन्होंने आनन फानन में खुद ही रजिस्ट्री के दस्तावेज तैयार कर कोरबा से जांजगीर भेजा और जांजगीर में पदस्थ सब इंजीनियर दयानंद खलको को रजिस्ट्री करने के लिए कहा, लेकिन खलखो बीमार होने से रजिस्ट्री नहीं कर पाए और इसकी जानकारी होते ही अपर आयुक्त, छग गृह निर्माण मंडल ने ईई को तलब कर जमकर फटकार लगाई और उन्हें शोकॉज नोटिस जारी कर मामले में जांच करने के आदेश दिए।
ईई लगे मामले की लीपापोती करने में
इस मामले में पूरी तरह से संलिप्त ईई एके निखरा अब मामले में लीपापोती करने में लगे हैं। वह यह कह रहे हैं कि सब इंजीनियर दयानंद खलखो का उन्होंने तबादला कर दिया था, तो पिर वह रजिस्ट्री कैसे कर सकता है, जबकि दयानंद खलखो से वह अभी भी जांजगीर में ही काम ले रहे हैं। इतना ही नहीं यदि रजिस्ट्री नहीं होनी थी तो ईई ने रजिस्ट्री के दस्तावेज विजय जैन के नाम पर तैयार कर कैसे जांजगीर भेजा और विजय जैन ने इसके लिए बाकायदा रजिस्टार कार्यालय से एक लाख 17 हजार रुपए ई-स्टांप भी ले लिया था। इससे साफ जाहिर है कि यदि समय रहते इसकी शिकायत नहीं होती तो इस जमीन की रजिस्ट्री कौडिय़ों के भाव हो जाती।
-भूपेंद्र सवन्नी, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल
-देखिए इस मामले में क्या गड़बड़ी हुई, कहां हुई। मुझे कुछ नहीं पता। मैंने उच्चाधिकारियों के निर्देश का यथावत पालन किया है। रही बात स्पष्टीकरण की तो वह मैं अपने अधिकारियों को दे चुका हूं।
-एके निखरा, कार्यपालन अभियंता, हाउसिंग बोर्ड, कोरबा