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यह कैसा सौंदर्यीकरण: वॉटर फाल सूखा तो फौव्वारा बंद, मोटर बोट धूल खा रहे

locationजांजगीर चंपाPublished: Nov 12, 2022 08:25:47 pm

Submitted by:

Anand Namdeo

शहर के ऐतिहासिक भीमा तालाब का करोड़ों रुपए खर्च कर सौंदर्यीकरण कराया गया है मगर देखरेख के अभाव के चलते इसकी रंगत अब धीरे-धीरे फीकी पड़ती जा रही है। वॉटर फाल खराब होकर सूखा पड़ा हुआ है तो फौव्वारा भी अधिकांश दिन बंद ही रहता है। मनोरंजन के नाम भी कुछ संसाधन नहीं है जिससे अब लोगों का यहां से मोह भंग हो रहा है।

यह कैसा सौंदर्यीकरण: वॉटर फाल सूखा तो फौव्वारा बंद, मोटर बोट धूल खा रहे
सूखा पड़ा वॉटर फाल
जांजगीर-चांपा. सौंदर्यीकरण के बाद जब इसका लोकार्पण हुआ था तब हर रोज सैकड़ों की संख्या में लोग यहां घूमने-फिरने पहुंच रहे हैं, उसकी तुलना में आज घूमने-फिरने वाले लोगों की संख्या आधी से भी कम हो गई है। शहर के लोग ही ज्यादातर यहां घूमने आ रहे हैं। इसका असर मोटर बोटिंग पर पड़ा है। टिकट काउंटर में सन्नाटा पसरा हुआ है। प्रति व्यक्ति सौ रुपए किराया है और पांच व्यक्ति होने पर ही बोटिंग की सुविधा दी जा रही है। ऐसे में दिनभर में चंद लोग ही बोटिंग की मजा ले रहे हैं और ज्यादातर समय मोटर बोट धूल खाते पड़ी हुई है। यही हाल पैडल बोट का भी है। सौंदर्यीकरण करा देने के बाद नगरपालिका इसे बरकरार रखने में असफल नजर आ रहा है। स्मार्ट ठेले लगाने की योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई है। मनोरंजन के दिशा में कोई नया काम भी नहीं किया जारहा है जिससे धीरे-धीरे भीमा का सौंदर्यीकरण फीका पड़ता जा रहा है।
प्रति व्यक्ति किराया सौ रुपया, पांच सवारी जरुरी
मोटर बोटिंग के लिए प्रति व्यक्ति सौ रुपए किराया रखा गया है। पांच व्यक्ति होने पर ही बोटिंग का नियम है। यानी ५०० रुपए का टिकट लेने पर ही बोटिंग कर सकते हैं। पांच से कम व्यक्ति है तो सामने वाले तो पूरा किराया देना पड़ता है। यानी चार लोग है तो भी ५०० रुपए देने पड़ेंगे। जिससे बोटिंग करने वालों की संख्या दिन ब दिन घटती जा रही है। इसी तरह पैडल बोटिंग भी सुविधा है मगर पैडल बोट की हालत बता रही है कि इसे चलाने अब लोग नहीं आ रहे। धूल खाते पड़े हैं। नपा की माने तो पांच से कम सवारी पर पालिका को नुकसान होगा। क्योंकि डीजल की खपत के हिसाब से यह किराया तय किया गया है।
वॉटर फाल पड़ा सूखा, सुंदरता गायब
भीमा तालाब के एक कोने में वॉटर फाल बनाया गया है। जब सीएम के हाथों इसका उद्घाटन हुआ तो इसे रातोंरात तैयार कराया गया था। जिससे यहां की सुंदरता और बढ़ गई थी मगर वर्तमान में यह वॉटर फाल बंद पड़ा हुआ है और सुंदरता को ग्रहण लग गया है।
नपा को यह करना चाहिए
जिस तरह से सौंदर्यीकरण कराया गया है उसे हमेशा बरकरार रहना चाहिए। फौव्वारा, वॉटर फाल से यहां की सुंदरता देखते बनती है। इसे हमेशा चालू रखना चाहिए। इसके अलावा मनोरंजन के और साधन बढ़ाने चाहिए। मोटरबोट का किराया कम करना चाहिए। ताकि बाहर से लोग यहां घूमने-फिरने आए। स्मार्ट ठेले की योजना को जल्द धरातल पर लाना चाहिए। जिससे एक ओर लोगों को व्यवसाय भी मिलेगा तो दूसरी ओर खाने-पीने की सामान मिलने से लोग घूमने-फिरने के साथ खाने-पीने का भी मजा ले सकेंगे। साथ ही व्यवसायिक दुकानें भी खोली जा सकती है।
नपाध्यक्ष ने दिलाया था भरोसा
भीमा तालाब में इन कमियों को लेकर पिछले दिनों ही नपाध्यक्ष भगवानदास गढ़ेवाल को अवगत कराया गया था तब उन्होंने तत्काल सभी कमियों को दूर कर देने का आश्वासन भी दिया था मगर यह केवल आश्वासन ही निकला। स्थिति आज भी जस की तस ही बनी हुई है।
सीएम व विस अध्यक्ष के सामने वाहवाही लूटने आनन-फानन में भीमा तालाब का सौंदर्यीकरण कर दिया गया। वॉटर फॉल, फोव्वारा और रंग-बिरंगी लाइटे लगा दी गई। लेकिन आज बदहाली नजर आ रही है। मोटरबोट का किराया भी अधिक रखा गया है। जिससे लोग दूरी बना रहे हैं।
आशुतोष गोस्वामी, उपाध्यक्ष नपा जांजगीर-नैला
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