इसके लिए नपा ने 42 लाख रुपए का प्रपोजल तैयार कर प्रशासन को भेजा है। अफसरों का कहना है कि मंजूरी मिलने के बाद युद्ध स्तर पर जुटकर गर्मी से पहले हम पेयजल से निपटने की तैयारी की बात कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हर साल गर्मी के दौरान शहरी क्षेत्रों में पानी की किल्लत होती है जिसको देखते हुए नगरीय निकायों द्वारा पानी टैंकर के माध्यम से लोगों को जल की पूर्ति की जाती है। इसमें नगरीय निकायों को हर साल भारी भरकम राशि खर्च होती है। वहीं अस्थायी व्यवस्था होने से लोगों में शिकायत रहती है कि पर्याप्त पानी नहीं मिलता। इसको देखते हुए इस बार राज्य शासन ने सभी निकायों को टैंकर मुक्त बनाने के लिए स्थायी रूप से पेयजल व्यवस्था बनाने के निदेश दिए हैं। जिसको देखते हुए नपा जांजगीर-नैला के अफसरों ने इसकी तैयारी शुरु कर दी है। हालांकि इसमें कितनी हद तक सफलता मिलती है यह तो गर्मी के दौरान ही पता चलेगा। क्योंकि गर्मी में शहर के ड्राई क्षेत्र वाले वार्डों में पानी की किल्लत किसी से छिपी नहीं है। दिन-रात टैंकर पहुंचने के बाद भी लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है। पिछले दिनों हुई सामान्य सभा की बैठक में भी कई पार्षदों ने टैंकर नहीं चलाने की योजना पर सवाल खड़ा किया था कि उनके वार्ड में बिना टैंकर स्थिति बिगड़ जाएगी। ऐसे में बिना टैंकर के सहारे गर्मी में लोगों को पर्याप्त रूप से पानी मुहैया कराना पालिका के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। इस संबंध में नपा सीएमओ मनोज सिंह का कहना है कि शासन के टैंकर मुक्त शहर को लेकर हमनें पूरी तैयार कर ली है। करीब ४२ लाख रुपए का प्रपोजल बनाकर प्रशासन को भेजा गया है जिसकी जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी जिससे गर्मी से पहले हम वार्डों में सभी कार्यों को अंजाम दे देंगे।