इस आधार पर हुई रिपोर्ट
महिला को रिपोर्ट लिखवाने के लिए एड़ी चोटी करना पड़ा, क्योंकि किसी कलेक्टर के खिलाफ इतना बड़ा आरोप लगाने के लिए पुलिस ने पर्याप्त आधार की मांग की थी। महिला द्वारा आधार बताया गया जिसमें कलेक्टर ने महिला के मोबाइल में चैटिंग की थी। यहां तक कि प्राइवेट पार्ट की फोटो भी मांगे थे। इसके अलावा और कई तथ्यों में कलेक्टर पूरी तरह फंसते नजर आए। इन तथ्यों को पुलिस ने बारीकी से जांच की। तकरीबन 3 घंटे तक जान चली। पुलिस ने उसके सारे आधार इकट्ठे किए। इसके बाद रिपोर्ट दर्ज की गई।
इसलिए देर से लिखवाई रिपोर्ट
पीड़िता का कहना है कि मामला महीने भर पहले का है। इस दौरान महिला ने उनके खिलाफ इसलिए रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई थी कि पद पर रहते तो उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं होता। उनके जाने के बाद भी किसी का दबाव नहीं बना और उसने अब स्वतंत्र होकर रिपोर्ट दर्ज कराई है।