पर्यावरण संरक्षण को लेकर वार्ड नंबर १९ इंदिरा नगर में सड़क किनारे सालों पहले प्रशासन द्वारा नीलगिरी व नीम के पौधे लगाए गए थे। खासकर सिंचाई कालोनी की तरफ बड़ी तादात में नीलगीरी के पौधे लगाए गए हैं। दो तीन दसक पहले लगाए गए यह पौधे ४० से ५० फीट के बृक्ष बन चुके हैं। इन पेड़ों की कटाई चोरी छिपे की जा रही है। जांजगीर के अहसास शिक्षा एवं सेवा समिति के सदस्यों का कहना है कि इंदिरा नगर के विजय बरेठ एवं उनके लोगों द्वारा द्वारा पखवाड़े भर से दर्जनों पेड़ों की दिन दहाड़े कटाई कर बिक्री की जा रही है।
इसकी शिकायत कलेक्टर एवं एसडीएम से की जा चुकी है। इसके बाद भी अफसरों द्वारा लकड़ी की जब्ती नहीं बनाई जा रही है और न ही लकड़ी तस्करों की लकड़ी जब्त की जा रही है। इसके चलते वन विभाग को लाखों का चूना लग रहा है। दिलचस्प बात यह है कि अहसास शिक्षा एवं सेवा समिति के सदस्यों द्वारा इस आशय की सूचना मिलते ही कलेक्टर एवं एसडीएम से शिकायत की गई थी लेकिन शिकायत की कापी रद्दी की टोकरी में फेंक दी गई है। इसके चलते लकड़ी की कटाई करने वालों के हौसले बुलंद हैं। लकड़ी तस्करी करने वालों द्वारा उल्टे शिकायतकर्ताओं को धमकी दी जा रही है। जिसके चलते इंदिरा नगर के लोगों में रोष व्याप्त है।
करा रहे अवैध निर्माण
पेड़ों की कटाई करने के बाद कुछ लोगों द्वारा इस मोहल्ले में अवैध तरीके से शासकीय जमीनों में मकान का निर्माण किया जा रहा है। इससे शासन को चौतरफा नुकसान हो रहा है। एक ओर पेड़ों की कटाई की जा रही है। वहीं दूसरी ओर शासकीय भूमि में अवैध तरीके से मकान का निर्माण भी किया जा रहा है। नगर पालिका द्वारा शहर के कई इलाकों में अतिक्रमणकारियों को हटाया जा रहा है, लेकिन इंदिरा में ५० प्रतिशत मकान अवैध तरीके से बने हैं उन्हें नहीं हटाया जा रहा है। प्रशासनिक कसावट नहीं होने से इस मोहल्ले में दिन रात अतिक्रमणकारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।