जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत है। शिकायत कर्ता इस जांच को पूरी तरह से संदिग्ध बताते हुए पुन: जांच की मांग कर रहा है। हालांकि जैसे ही इस मामले की जानकारी जनपद सीईओ को हुई उनका कहना है कि वह मामले की जांच फिर से कराएंगे और इस बार आरोपियों को जांच टीम से दूर रहने के निर्देश दिए जाएंगे।
खपरीडीह पंचायत के उप सरपंच शंभू दास महंत ने कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ सहित एसडीएम चांपा व बम्हनीडीह जनपद सीईओ दी शिकायत में बताया था कि पंचायत में मनरेगा के तहत नाली का निर्माण कराया गया था। इस कार्य में मनरेगा की इंजीनियर उत्तरा यादव और सरपंच बुधराम साहू,
सचिव जयराम यादव व रोजगार सहायक गजानंद वकार ने फर्जी मास्टररोल बना कर राशि का गबन किया है। शिकायत पर जनपद सीईओ मुकेश रावटे ने जांच टीम गठित की थी। जांच टीम में एफआर साहू, विकास विस्तार अधिकारी एनडी तिवारी उप अभियंता प्रदीप मिश्रा तकनीकी सहायक रखा गया और सात दिवस के अंदर जांच रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे।
सीईओ के आदेश के बाद भी जांच टीम में नियुक्त अधिकारी कर्मचारियों के साथ ही आरोपी मनरेगा इंजीनियर उत्तरा यादव, सचिव जयराम यादव और सरपंच बुधराम साहू भी पहुंच गए। हद तो तब हो गई जब जांच टीम ने जांच की सूचना शिकायतकर्ता को नहीं दिया और कार्य से संबंधित लोगों के बयान दर्ज करने के लिए खुद मनरेगा इंजीनियर कुर्सी पर बैठ गईं। लेकिन समय रहते शिकायतकर्ता अपनेआप वहां पहुंचा।
उसकी सूचना पर पत्रिका प्रतिनिधि भी वहां पहुंचे और गलत जांच का पूरा काला चिट्ठा कैमरे में कैद कर लिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जांच के दौरान उसे धमकी भी दी गई है कि यदि वह अधिक नेतागिरी करेगा तो उसे पेशी के रूप में न्यायालय के चक्कर कटवा देंगे।
सूचना के अधिकार से हुआ खुलासा– शिकायतकर्ता का कहना है कि उसने शिकायत से पहले सभी पुख्ता सबूत जुटाए। इसके लिए उसने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। दी गई जानकारी में यह पाया गया कि जो मजदूर खपरीडीह के मेन रोड से बोधी सागर तालाब तक बनी नाली के निर्माण कार्य में गया ही नहीं उसका नाम और खाता नंबर देकर हजारों रुपए की मजदूरी का भुगतान किया गया। कुछ मजदूरों ने भी यह बात स्वीकार किया है कि उन्हें कमीशन का लालच दिया गया था, जिससे वह बिना कार्य का भुगतान कराने के लिए राजी हुए थे।
यह पूरी तरह से गलत हुआ– मुझे मामले की शिकायत मिली है। यह पूरी तरह से गलत हुआ है। इस पर जांच टीम को नोटिस देकर उनसे जवाब मांगा जाएगा और मामले की जांच दोबारा करवाई जाएगी।
– मुकेश रावटे, सीईओ, जनपद पंचायत बम्हनीडीह