इस सीजन में खाद्य एवं औषधि विभाग जूस व गन्ना रस के कहीं से नहीं लिए है सैंपल
गर्मी में सबके पसंदीदा पेय पदार्थ गन्ना रस पर भी महंगाई की मार है। प्रति गिलास पिछले साल तक १० रुपए गिलास मिलने वाला गन्ना रस अब २० से २५ रुपए गिलास तक मिल रहा है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि इसका मानय व मात्रा भी तय नहीं है। इसलिए गन्ना रस के संचालक अपनी मनमर्जी चला रहे है। जिम्मेदार विभाग को इस ओर कोई मतलब नहीं है। जबकि विभाग को बकायदा जाकर इसका सैंपलिंग के अलावा साफ-सफाई का निरीक्षण करना है।
जांजगीर चंपा
Published: April 27, 2022 09:23:12 pm
बढ़ती महंगाई के बीच पेट्रोल-डीजल का दाम लोगों की जेब पर डाका डाल रहा है। अब गर्मी में सबसे ज्यादा पेय पदार्थ गन्ना रस के दाम भी बढ़ गए हैं। गन्ना रस के दाम में 5 से 15 रुपए की बढ़ोतरी हो गई है। 10 रुपए का गन्ना रस दुकानदार 15 से 25 रुपए प्रति गिलास बेच रहे हैं। पिछले दो वर्षों से कोरोना ने गन्ना रस के दुकानदारों को काफी नुकसान पहुंचाया था लेकिन अब लोगों को मीठे गन्ना रस के लिए जेब पहले से ज्यादा हल्की करनी पड़ रही है। गर्मी शुरू होने के साथ ही गन्ना रस की दुकान हर चौक-चौराहे पर खुल गई है। दुकानों में पहली की तरह भीड़ भी उमड़ रही है, लेकिन इस बार दाम पहले से ज्यादा बढ़े हुए हैं, जिले में गन्ना रस दुकान में एक गिलास की कीमत 25 रुपए राहगीर खर्च कर रहे हैं, साल भर पहले गन्ना रस केवल 10 रुपए में मिल जाता था, लेकिन इस बार पूरे शहर में गन्ना रस 15 से 25 रुपए में मिल रहे हैं। जिम्मेदार खाद्य एवं औषधि विभाग जूस व गन्ना रस का क्वालिटी चेक के लिए एक बार भी सैंपल नहीं लिया है। सड़क किनारे लगे ठेले में गन्ना रस से ज्यादा बर्फ व पानी की मात्रा होती है। रेट बढऩे का कारण सीधे तौर अन्य सामानों का रेट बढऩा कह दिया जाता है। जिम्मेदार खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम को गुणवत्ता को लेकर कार्रवाई करने की आवश्यकता है, लेकिन उनका ध्यान ही नहीं है। इसका खामियाजा भोले-भाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी महीनों में एकाध सेंपल लेकर आफिस में बैठकर कुर्सी तोड़ रहे है। इसे देखने वाला कोई नहीं है।
आफिस में नहीं मिलते खाद्य सुरक्षा अधिकारी
आफिस अगर कोई शिकायत लेकर पहुंचे तो खाद्य सुरक्षा अधिकारी आफिस में मिलते ही नहीं है। बुधवार को भी कई लोग आफिस पहुंचे थे, लेकिन खाद्य सुरक्षा अधिकारी डीके देवांगन गायब मिले, स्टाफ द्वारा पूछने पर बताया फिल्ड में गए है। इसलिए अब लोगों का इस आफिस से विश्वास उठने लगा है। जानकारी लेने के लिए डीके देवांगन से फोन किया गया तो वो फोन उठाना मुनासिब नहीं समझे।
पहले से लागत हुआ ज्यादा
गन्ना रस के दाम बढऩे की वजह पर में दुकानदारों ने बताया कि कोरोना ने दो साल से व्यापार चौपट कर दिया था। पिछले साल भी दुकान लगाने के लिए पूरी तैयारी हो चुकी थी, कुछ ने तो दुकान लगा भी लिया था और गन्ना की खरीद भी कर ली थी, लेकिन मार्च में लॉकडाउन लगने के कारण दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इस बार दुकान लगाने के लिए खर्च पहले से बढ़ गया है। गन्ना के दाम भी पिछले वर्षों से ज्यादा बढ़ गए है। 10 गन्ने के लिए 150-160 रुपए देना पड़ रहा है। एक नींबू 10 से १५ रुपए में बिक रहा है। पहले 100 रुपए में 15-17 नींबू मिलते थे।
दाम बढऩे के बावजूद गन्ना रस की डिमांड
दाम बढऩे के बाद भी दुकानों में ग्राहकों की भीड़ नजर आ रही है। गर्मी से निजात पाने के लिए लोग दोपहर में गन्ना रस पी रहे हैं। कचहरी चौक स्थित गन्ना रस संचालक मनोज राठौर ने बताया कि इन दिनों देश में सब कुछ महंगा होता जा रहा है। 10 रुपए में मिलने वाला गन्ना रस के दाम में 10 से 15 रुपए की बढ़ोतरी हो गई है। बिना बर्फ के गन्ना रस का दाम और ज्यादा है।

sunsan sadak
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
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