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सब इंजीनियर ने सीएमओ से कहा भवन निर्माण की देखरेख नहीं कर सकता क्योंकि मेरे जान को खतरा!

locationजांजगीर चंपाPublished: Sep 16, 2020 03:40:43 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

रोड़ों रुपए की लागत से निर्मित भवन के निर्माण में भारी अनियमितता बरती जा रही है। हद तो तब हो गयी जब भवन निर्माण के दौरान निरीक्षण करने गए सब इंजीनियर ने भवन की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिया और सीएमओ नगरपंचायत सारागांव से साफ-साफ कह दिया कि भवन का निर्माण स्टीमेट के मुताबिक नहीं बन रहा है।

सब इंजीनियर ने सीएमओ से कहा भवन निर्माण की देखरेख नहीं कर सकता क्योंकि मेरे जान को खतरा!

सब इंजीनियर ने सीएमओ से कहा भवन निर्माण की देखरेख नहीं कर सकता क्योंकि मेरे जान को खतरा!

जांजगीर-चांपा. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत के गृह ग्राम सारागांव में डॉ. बीआर अंबेडकर सार्वजनिक मांगलिक भवन निर्माण कार्य में भारी अनियमितता की शिकायत सामने आ रही है। भवन निर्माण की देखरेख करने गए सब इंजीनियर को आंख मूंदकर काम कराने की बात कही जा रही है।

इससे क्षुब्ध होकर सब इंजीनियर ने सीएमओ पत्र लिखकर कहा है कि मैं भवन की देखरेख नहीं कर सकता, क्योंकि मेरे जान को खतरा है। ठेकेदार खुलेआम धमकी देता है। जिससे मेरे साथ कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है।

ज्ञात हो कि सारागांव के वार्ड नंबर एक कोसाबाड़ी के सामने में डॉ. बीआर अंबेडकर भवन निर्माण का कार्य किया जा रहा है। करोड़ोंहद तो तब हो गयी जब भवन निर्माण के दौरान निरीक्षण करने गए सब इंजीनियर ने भवन की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिया और सीएमओ नगरपंचायत सारागांव से साफ-साफ कह दिया कि भवन का निर्माण स्टीमेट के मुताबिक नहीं बन रहा है।

उक्त कार्य को पेटी ठेकेदार धनेश राठौर के द्वारा किया जा रहा है। भवन के निरीक्षण के दौरान जब चेक करने जाते हैं तब उनसे गाली गलौच किया जाता है। इतनी ही नहीं उन्हें देख लेने की धमकी भी दी जाती है। वजह जो भी इधर भवन निर्माण की गुणवत्ता पर नगर के लोग सवाल खड़े कर रहे हैं।

आपको बता दें कि यह विधानसभा अध्यक्ष का गृह ग्राम है। हर छोटी मोटी बातें राजधानी तक पहुंच जाती है। जिससे हर अधिकारी यहां काम करने से डरता है। क्योंकि नगर का हर व्यक्ति अपनी पकड़ विधानसभा तक रखता है। बड़ी बात यह है कि उनकी सुनी भी जाती है। ऐसे में विकास कार्य की गुणवत्ता पर असर पड़ता है।

असामाजिक तत्वों का डेरा

सब इंजीनियर संजय कुमार पैकरा ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि जहां पर भवन का निर्माण हो रहा है वहां असामाजिक तत्वों का डेरा रहता है। लोग यहीं तक तमाम किस्म का नशा पानी का इस्तेमाल करते हैं, जिसके चलते यहां निरीक्षण करते नहीं बनता। यदि ऐसे हालात में यहां निरीक्षण करने जाओ तो जान का भी खतरा बना रहता है।

इस तरह मिली शिकायत

बताया जा रहा है कि भवन निर्माण में किसी भी एंगल से गुणवत्ता नजर नहीं आ रही है। भवन के बेस में रेत पाटा जाता है लेकिन यहां पर स्टील प्लांट से निकले काला डस्ट को पाटा जा रहा है। भवन में गुणवत्ताहीन फ्लाइ ऐसा ईंट का निर्माण किया जा रहा है। रेत सीमेंट का इस्तेमाल मानक के अनुरूप नहीं किया जा रहा है। जिससे भवन कभी भी भर-भराकर गिर सकता है। जिससे सारी बदनामी विभाग पर आएगी।

अभी मैं मीटिंग में बैठा हूं। मीटिंग समाप्त होने के बाद ही आपके किसी सवाल का जवाब दे पाऊंगा।
– गिरीश चंद्रा, सीएमओ

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