सुविधा न संसाधन कागजों में चल रहा जिला मुख्यालय की आईटीआई
जांजगीर चंपाPublished: Sep 29, 2022 09:28:14 pm
तकनीकि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शासन प्रशासन भले ही जिले में आईटीआई खोल दी है लेकिन यहां सुविधा व संसाधन नहीं होने से छात्र कोपभाजन का शिकार हो रहे हैं। यहां न तो प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त इंस्टू्रमेंट है और न ही स्टॉफ। अलबत्ता आईटीआई कागजों में चल रहा कहें तो अतिसंयोक्ति नहीं होगी।
सरकार छात्रों को शिक्षित करने और रोजगार से जोडऩे के लिए भले ही लाख दावे कर ले, लेकिन शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की हकीकत कुछ और ही बयां कर रहा है।
जिला मुख्यालय का एकमात्र आईटीआई समीपस्थ ग्राम कुलीपोटा में संचालित है। भवन की सुविधा मिलने के बाद यहां कोविड आ गया। जिसके चलते भवन को कोविड केयर सेंटर बना दिया गया। अब कोविड की समाप्ति हुई तो क्लास लगना शुरू हुआ। जब क्लास शुरू हुआ तो यहां छात्रों के लिए पर्याप्त सुविधा व संसाधनों की दरकार है। यहां के आईटीआई में इलेक्ट्रीशियन, कोपा का ट्रेड जरूर है जिसमें ८८ छात्र अध्ययनरत हैं, लेकिन प्रैक्टिकल के लिए पर्याप्त उपकरण नहीं होने से छात्रों को विभिन्न प्रकार की जानकारियों से वंचित होना पड़ रहा है। सुविधा व संसाधन नहीं होने से कई छात्र संस्थान छोडऩे पर भी मजबूर हो रहे हैं। विद्यार्थियों में बताया कि यहां पर्याप्त प्रायोगिक सामग्री नहीं है जिसके चलते उनको दूसरे जगह प्रायोगिक परीक्षा के लिए भेजा जाता है। जिससे विद्यार्थियों के साथ अभिभावक भी इसके आक्रोशित हैं। नए विद्यार्थी यहां की व्यवस्था देखकर ही निराश हो रहे हैं और स्थिति देखकर यहां से लौट जाते हैं। जिन विद्यार्थियों के पास कोई विकल्प नहीं है। वे मजबूरी में यहां अध्ययन करते हैं यानी केवल प्रमाणपत्र लेने के लिए। विद्यार्थियों ने शासन प्रशासन से गुहार लगाते हुए संस्थान की व्यवस्था में सुधार के साथ प्रायोगिक परीक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की है।
वजह बजट की कमी
बताया जा रहा है कि यहां भले ही आईटीआई खोल दी गई है लेकिन बजट के कमी चलते यहां सुविधाएं नहीं बढ़ पा रही है। यहां तक कि शिक्षकों को कई महीनों से वेतन भी नहीं मिल पाया है। जिससे उनको भी विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। अब देखना यह होगा कि शासन प्रशासन इस मामले में किस तरह से संज्ञान लेकर कार्रवाई करती है।
महुदा लेकर जाते हैं छात्रों को प्रशिक्षण के लिए
प्राचार्य ने बताया कि यहां जब भी छात्रों को ट्रेनिंग देने की बात कही जाती है तो उनके लिए टूल्स व उपकरण नहीं होने से महुदा आईटीआई लेकर जाते हैं। इससे पहले बिलासपुर के कुछ पुराने उपकरण को लेकर यहां आए हैं जिससे छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
वर्जन
आईटीआई में सुविधा व संसाधन बढ़ाने की कवायद जारी है। जरूरत पडऩे पर प्रशिक्षणके लिए छात्रों को महुआ आईटीआई ले जाया जाता है। सरकार से बजट मिलने के बाद ही प्रशिक्षकों को वेतन दिया जाता है।
– आरजी तिवारी, प्राचार्य आईटीआई कुलीपोटा जांजगीर
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