हैंडओवर नहीं होने से ठेकेदारों को दोहरा नुकसान इधर पंचायतों के द्वारा हैंडओवर नहीं लेने से ठेकेदारों को दोहरा नुकसान हो रहा है। पहला काम हो जाने के बाद भी हैंडओवर नहीं होने से फाइनल भुगतान की राशि रूक गई है तो दूसरा पंचायतों में पानी सप्लाई का काम अब भी उन्हें ही कराना पड़ रहा है। इसके लिए एक व्यक्ति रखना पड़ रहा है और हर माह तनख्वाह दे रहे हैं। नहीं तो गांव में पानी सप्लाई ठप हो जाएगी। इस चक्कर में ठेकेदार पीस रहे हैं और हैंडओवर देने छटपटा रहे हैं। ऐसे एक ही दर्जनों पंचायतें हैं जो हैंडओवर लेने से साफ हाथ खड़े कर चुके हैं। उन पंचायतों के सरपंच-सचिवों का साफ कहना है कि हमें हैंडओवर लेकर अपने पैरों में कुल्हाड़ी नहीं मारनी है। सही ढंग से काम पूरा करके हरेक घरों तक पानी पहुंचाकर देंगे तभी हैंडओवर लेंगे। दूसरा संचालन के लिए किसी तरह फंड भी नहीं मिला है। पंप ऑपरेटर रखेंगे उसे तनख्वाह कहां से देंगे, यह भी समस्या आएगी।
कार्य पूर्ण हो जाने के बाद छह माह तक ठेकेदारों को संचालन करना होता है। इसके बाद पंचायतों को हैंडओवर किया जाना है। ठेकेदारों को तय समय पर काम पूर्ण कराने निर्देशित किया गया है। पीएस सुमन, ईई