परोस रहे घटिया पोषण आहार
जांजगीर चंपाPublished: Jun 28, 2016 12:11:00 pm
बच्चों को पोषण आहार के नाम पर बांटे जा रहे रेडी टू ईट फूड की
गुणवत्ता को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में
वितरित किए जा रहे रेडी टू ईट में पोषक तत्व नाम की चीज ही नहीं है।
Are serving poor nutrition
जांजगीर-चांपा. बच्चों को पोषण आहार के नाम पर बांटे जा रहे रेडी टू ईट फूड की गुणवत्ता को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में वितरित किए जा रहे रेडी टू ईट में पोषक तत्व नाम की चीज ही नहीं है। इसके बावजूद पोषण आहार पर प्रशासन का ध्यान नहीं है।गर्भवती, शिशुवती व छह माह से तीन वर्ष की आयु के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए राज्य सरकार रेडी टू ईट पोषण आहार वितरण कार्यक्रम चला रही है।
इस योजना का क्रियान्वयन महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। जिले के मालखरौदा परियोजना अंतर्गत 193, पामगढ़ परियोजना अंतर्गत 230, अकलतरा परियोजना अंतर्गत 207, डभरा परियोजना अंतर्गत 190, सक्ती परियोजना अंतर्गत 195, बम्हनीडीह परियोजना अंतर्गत 195, नवागढ़ परियोजना अंतर्गत 155, नवागढ़ 2 परियोजना अंतर्गत 198, जैजैपुर परियोजना अंतर्गत 217 व बलौदा परियोजना अंतर्गत 199 आंगनबाड़ी केन्द्रों में 90 स्वसहायता समूहों ने रेडी टू ईट का वितरण करने के लिए विभाग से अनुबंध किया है।
इन समूहों द्वारा पोषक आहारयुक्त रेडी टू ईट फूड गर्भवती, शिशुवती व 6 माह से तीन वर्ष की आयु के बच्चों को वितरित किया जाना है। रेडी टू ईट के लिए पोषक तत्व का निर्धारण केन्द्र सरकार ने किया है, लिहाजा उनके मापदंडों के अनुसार होना चाहिए, लेकिन जिले की अधिकांश आंगनबाडिय़ों में निम्र स्तर का रेडी टू ईट फूड का वितरण किया जा रहा है।
पोषण आहार वितरण के नाम पर गड़बड़ी का यह खेल लंबे समय से जारी है। स्वसहायता समूहों से कमीशनखोरी के चक्कर में विभाग के अधिकारी शासन के मापदंडों के अनुरूप पोषण आहार का वितरण नहीं करा रहे हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों में वितरित हो रहे रेडी टू ईट फूड की गुणवत्ता को लेकर शासन-प्रशासन तक लगातार शिकायतें पहुंच रही है। इसके बावजूद इस योजना का
बुरा हाल है।