सजा सुनते ही दो कैदी कोर्ट से भागे, पकड़े जाने पर वकील पर किया हमला
जांजगीर चंपाPublished: Jun 26, 2015 08:57:00 pm
डीजे कोर्ट में हत्या के दो आरोपी आजीवन कारावास की सजा सुनते ही पुलिस को धक्का देकर भाग गए। पकड़ जाने के बाद कैदी ने वकील और आरक्षक पर हमला कर दिया।
जांजगीर-चांपा. डीजे कोर्ट में हत्या के दो आरोपी आजीवन कारावास की सजा सुनते ही पुलिस को धक्का देकर भाग गए, लेकिन कोर्ट परिसर में एक वकील ने उसे पकड़ लिया। पकड़े जाने के बाद कैदी ने वकील पर जानलेवा हमला कर दिया। वहीं एक अन्य कैदी ने आरक्षक पर भी ब्लेड से वार कर दिया। कोर्ट परिसर के वकीलों ने दोनों कैदियों को पकड़कर उनकी जमकर पिटाई की। घायल आरक्षक व वकील को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। वहीं दोनों कैदियों को जेल शिफ्ट करा दिया गया है। घटना शुक्रवार की दोपहर की है।
ये है मामला
द्वितीय अतिरिक्त न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा ने ठडग़ाबहरा मर्डर कांड में के दो आरोपी चंद्रप्रकाश उर्फ ठग्गू (25) पिता साधराम कुर्रे एवं अविनाश (25) पिता सुंदरलाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सजा सुनने के बाद दोनों आरोपी आपा खो बैठे। दोनों को कोर्ट परिसर से वाहन में बिठाकर जेल ले जाने की तैयारी की जा रही थी। आरक्षक सुरेंद्र सांतय एवं उसके आधा दर्जन साथी दोनों कैदियों को कोर्ट परिसर से बाहर ले जा रहे थे, तभी कैदी चंद्रप्रकाश व अविनाश का मूड बदला और वे आरक्षक को धक्का मारकर भागने लगे। कैदी के धक्के से आरक्षक सीढ़ी में गिर गया।
पोकर से वकील पर किया हमला
इसी दौरान होटल से नाश्ता कर वापस लौट रहे अधिवक्ता मनमथ शर्मा ने उन्हें पकडऩे का प्रयास किया। कैदी चंद्रप्रकाश ने वकील शर्मा पर पोकर (स्क्रू ड्राइवर) से जानलेवा हमला कर दिया। हमले से वकील शर्मा के गर्दन व चेहरे में गंभीर चोटें आई। शर्मा ने कैदी को जैसे-तैसे पकड़कर पुलिसकर्मियों को सौंप दिया। वहीं दूसरे कैदी अविनाश ने आरक्षक सुरेंद्र के हाथ पर ब्लेड से वार कर दिया। सुरेंद्र के हाथ में गंभीर चोटें लगी है। वकील मनमथ शर्मा व आरक्षक सुरेंद्र को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इधर, दोनों कैदियों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल शिफ्ट करा दिया गया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ जुर्म दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी है।
कहां से मिला हथियार
कैदियों के पास ब्लेड, नैल कटर, स्क्रू ड्राइवर के अलावा अन्य कई धारनुमा हथियार थे। उन्होंने अपने अंडरवेयर में छिपाकर ये सारे हथियार रखे थे। कोर्ट से निकलने के बाद उन्होंने प्लानिंग कर ली थी। तय प्लानिंग के मुताबिक वे वारदात को अंजाम देना चाह रहे थे। उनका टारगेट पुलिस वाले थे। पुलिस को चकमा देकर भाग निकले थे, लेकिन वकील की बहादुरी के चलते वे पकड़े गए। बड़ी बात यह है कि आखिरकार उन्हें जेल में इतनी तादाद में हथियार कहां से मिला। ब्लेड के अलावा नैल कटर जैसे हथियार का होना जेल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर कर रहा है।