scriptदर-दर भटक रही महिला पर नहीं मिल रहा न्याय | Justice is not getting on the woman wandering from door to door | Patrika News

दर-दर भटक रही महिला पर नहीं मिल रहा न्याय

locationजांजगीर चंपाPublished: May 14, 2022 09:06:08 pm

एक महिला अपने पति व सास ससुर की प्रताडऩा से तंग आकर दर दर भटक रही, लेकिन उसे कहीं से न्याय नहीं मिल रहा है। हद तो तब हो जा रही है जब उसका पति दूसरी पत्नी बनाकर एनपीसी सीपत में रह रहा है।

दर-दर भटक रही महिला पर नहीं मिल रहा न्याय

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अपने बाल बच्चों को भी पहली पत्नी से छीनकर रख लिया है। महिला परिवार परिवार परामर्श केंद्र में भी कई बार गुहार लगा चुकी है फिर भी उसे न्याय नहीं मिल रहा है। दरअसल, जांजगीर कोतवाली के लगे ग्राम सुकली की महिला लक्ष्मी खरे की शादी बिलासपुर जिले के सीपत थाना क्षेत्र के ग्राम रांक के कालिकाधर खरे के साथ हुई थी। शादी के बाद उसे दहेज में कम सामान लाने की बात को लेकर आए दिन प्रताडि़त करते थे। उसे हमेशा आत्महत्या के लिए प्रेरित कर रखना नहीं चाहते। इतना ही नहीं उस पर चारित्रिक लांछन लगाकर उसके घर के बाहर के कमरे में गैरों की तरह रखते थे। मामले की शिकायत उसने बिलासपुर पुलिस, जांजगीर पुलिस व परिवार मरामर्श केंद्र में कई बार कर चुकी। इसके बाद भी उसकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। इससे महिला दर-दर भटकने मजबूर है। लक्ष्मी खरे ने पत्रिका को बताया कि एक ओर प्रदेश सरकार महिला आयोग का गठन कर हर महिलाओं का दुख शुख सुनने की बात करती है वहीं दूसरी ओर हमारी तरह की महिलाओं की सुनवाई नहीं हो रही है। जिससे तंग आकर वह जलील हो चुकी है। हद तो तब हो गई जब अब उसके ससुराल वाले भी उसे घर से निकाल दिए।
कहीं नहीं मिला न्याय
महिला ने बताया कि सरकार भले ही महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए कई तरह के योजनाएं संचालित कर रही है लेकिन यह सब ढकोसला है। परिवार परामर्श केंद्र के अलावा महिला आयोग में भी महिलाओं की सुनवाई नहीं हो रही है। पति उसे एक ओर जान समेत करने की धमकी देते हुए उसे घर से निकाल दिया है और दूसरी ओर दूसरी पत्नी बनाकर दूसरी औरत को रख लिया है। इसके बाद भी उसकी सुनवाई नहीं हो रही है।
छोटे छोटे बच्चों को भी छीन लिया
महिला ने बताया कि उसके छोटे-छोटे दो बच्चियों को भी उससा पति छीन लिया है। उसका पति एनटीपी सीपत में दूसरी औरत बनाकर रख लिया है। इसकी भी शिकायत दर्ज नहीं की जा रही है। महिला का कहना है कि उसे न रखे लेकिन उसे भरण पोषण तो कम से कम दिलवा दे। ताकि वह अपना जीवन यापन कर सके। प्रशासन यह भी नहीं कर पा रहा है। जिससे वह परेशान है।
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