जांजगीर चंपा

कायाकल्प: फिर नहीं बना पाए टॉप 2 में जगह, मिला सांत्वना पुरस्कार

प्रदेश में कायाकल्प अवार्ड के लिए विजेता अस्पतालों की सूची जारी कर दी गई है। इस बार भी जिले के कोई भी सरकारी अस्पताल विजेता या उपविजेता का पुरस्कार अपने नाम नहीं कर पाया।

जांजगीर चंपाAug 03, 2022 / 09:53 pm

Anand Namdeo

कायाकल्प: फिर नहीं बना पाए टॉप 2 में जगह, मिला सांत्वना पुरस्कार

जांजगीर-चांपा. जिले की बात करें तो जिला अस्पताल ने ८२.६८ प्रतिशत अंक हासिल करते हुए स्टेट में ७० प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले १२ जिला अस्पतालों में अपना जरुर स्थान बनाया, लेकिन बाकी जिला अस्पतालों का प्रदर्शन और बेहतर रहा। जिस कारण जिला अस्पताल जांजगीर को सांत्वना पुरस्कार में ही स्थान मिला। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की श्रेणी में जिले के ५ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों ने स्थान बनाया। जिला स्तर पर पंतोरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को पहला स्थान मिला है। अब सांत्वना अवार्ड के रुप में जिला अस्पताल को ३ तीन लाख रुपए तो पंतोरा पीएचसी को २ लाख रुपए का इनाम मिलेगा। वहीं बाकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ५०-५० हजार रुपए की धन राशि मिलेगी। गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने स्वच्छ अस्पताल योजना कायाकल्प के तहत २०२१-२२ के अंतर्गत प्रथम, द्वितीय और सांत्वना अवार्ड पाने वाले जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की सूची जारी की है। इसमें जिला अस्पताल समेत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंतोरा, अड़भार, कुरदा, दल्हापोड़ी और जर्वे ब ने ७० प्रतिशत से अधिक अंक मिले हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दौड़ से ही बाहर
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तो कायाकल्प योजना की दौड़ से ही बाहर हैं। लगभग सभी सीएचसी में सबसे जरुरी इंफ्राक्चर की समस्या बनी हुई है। बेहतर भवन का अभाव है। इसी वजह है कि जिला अस्पताल के सर्वे में ही सीएचसी कायाकल्प की दौड़ से आगे नहीं निकल पा रही। २१-२२ के लिए सक्ती सीएचसी ने भागीदारी की थी लेकिन ७० प्रतिशत से कम अंक मिलने की वजह से स्टेट तक नाम ही नहीं पहुंच पाया।
शुरु से ही बेहतर अंक मिलने की थी उम्मीद
इस बार कायाकल्प में शुरु से ही बेहतर स्थान मिलने की उम्मीद जिला अस्पताल प्रबंधन ने जताई थी। विगत १३ अप्रैल को कायाकल्प के तहत फाइनल राउंड की परीक्षा लेने स्टेट की टीम पहुंची थी। टीम में शामिल डॉ. विक्रम शर्मा, डॉ. महेन्द्र सिंह, डॉ. आनंद राव, डॉ. वर्षा राजपूत व डॉ. बघेल ने अस्पताल में घूम-घूमकर असेसमेंट किया। ओपीडी, आईपीडी, जनरल वार्ड, गायनिक वार्ड समेत ब्लड बैंक आदि का निरीक्षण किया और किए गए इंतजामों का बारीकों से अध्ययन किया। इंतजाम देखकर टीम संतुष्ट दिखी थी।
कायाकल्प में इस तरह मिलते हैं अंक
योजना के तहत हर साल सभी सरकारी अस्पताल इसमें शामिल हो सकते हैं। दो राउंड में पहले जिला फिर स्टेट की टीम निरीक्षण करती है। ७० प्रतिशत से अंक मिलने वाले अस्पतालों के नाम स्टेट में शामिल होते हैं। ७ बिंदुओं पर यहां अस्पतालों को अंक दिए जाते हैं। सबसे ज्यादा अंक पाने वाले दो जिला अस्पताल को प्रथम व द्वितीय पुरस्कार मिलता है। प्रथम पुरस्कार ५० लाख व द्वितीय पुरस्कार २० लाख रुपए दिए जाते हैं। इसी तरह लगातार हर साल बेहतर प्रदर्शन करने पर पांच लाख और बाकियों को प्रशस्ति पुरस्कार के रुप में तीन लाख रुपए दिए जाते हैं।
इस बार बीजापुर जिला अस्पताल ने मारी बाजी
इस बार प्रदेश के १२ जिला अस्पतालों को ७० प्रतिशत से ज्यादा अंक मिले हैं। जिसमें बीजापुर ८७.५३ प्रतिशत अंक पाकर पहले स्थान पर है। इसी तरह कवर्धा को ८५.७१ प्रतिशत अंक मिले हैं। इसके अलावा १० जिला अस्पतालों में बलौदाबाजार, मुंगेली, जशपुर, जगदलपुर, जांजगीर, बलरामपुर, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर कोरिया, सूरजपुर, बेमेतरा जिला अस्पताल शामिल हैं।
पंतोरा पीएचसी जिला स्तर पर प्रथम
पीएचसी श्रेणी में प्रदेश के कुल १७८ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हुए थे। इनमें पंतोरा पीएचसी का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा। जिले के कुल पांच पीएचसी में से पंतोरा को जिला स्तर पर पहला स्थान मिला। पुरस्कार स्वरुप २ लाख रुपए मिलेंगे।
वर्जन
कायाकल्प योजना के तहत जिला अस्पताल और जिले के पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अवार्ड मिला है। पंतोरा पीएचसी जिला स्तर पर पहले स्थान पर हैं। इस साल और अधिक प्रयास किया जाएगा ताकि विजेता बने। स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर संसाधन और सुविधाएं जुटाई जा रही है।
डॉ. आरके सिंह, सीएमएचओ

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