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कृषि विज्ञान केंद्र में बना लाखों का हाइटेक पाली हाउस हुआ उजाड़

locationजांजगीर चंपाPublished: Aug 09, 2022 09:49:54 pm

Submitted by:

Anand Namdeo

कृषि विज्ञान केंद्र जांजगीर में लाखों रुपए खर्च कर बना हाईटेक पाली हाउस सालों से उजाड़ पड़ा हुआ है। ऐसे में न तो केवीके के कृषि वैज्ञानिकों के किसी काम आ रहा है और न ही अन्य किसानों को यहां किसी तरह का प्रशिक्षण देकर लाभ दिला पा रहे हैं। कुल मिलाकर लाखों का पाली हाउस केवल शोपीस बनकर रह गया है।

कृषि विज्ञान केंद्र में बना लाखों का हाइटेक पाली हाउस हुआ उजाड़

कृषि विज्ञान केंद्र में बना लाखों का हाइटेक पाली हाउस हुआ उजाड़

जांजगीर-चांपा. खेती की दिशा में नवाचार और हाईटेक तरीके से खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष २०१० में कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में पाली हाउस का निर्माण कराया गया था। केवीके के द्वारा विभिन्न किस्मों के फसलें लगाई जा रही थी। किसानों को यहां उन्नत और हाईटेक तरीके से खेती का प्रशिक्षण भी मिलता रहा। लेकिन कुछ साल पूर्व अधंड के चलते पाली हाउस बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। जिसके बाद से आज तक पाली हाउस उजाड़ ही पड़ा हुआ है। पाली हाउस का ऊपरी हिस्सा कई जगहों से फट गया है। ऐसे में धूप और बारिश सीधे पाली हाउस में अंदर में घुस रहा है जिससे यह वर्तमान में काम नहीं आ रहा पा रहा है।
२०१० में हुआ था लोकार्पण
११ सितंबर २०१० को इस हाईटेक पाली हाउस का लोकार्पण हुआ था। इंदिरा गांधी कृषि विवि रायपुर के कुलपति डॉ. एसके पाटिल के द्वारा लोकार्पण किया गया था। उच्च मूल्य की बागवानी फसलें तैयार करने डीएमएफ फंड से इसके लिए लाखों रुपए स्वीकृत हुए थे और निर्माण पूर्ण हुआ था। लेकिन अधंड ने इसे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है। वर्तमान में यहां एक कोने में कुछ फसलें लगाई गई है। बाकी पूरा हिस्सा बेकार पड़ा हुआ है।
केवीके के पास फंड नहीं
मेंटनेंस हो जाने के बाद पाली हाउस फिर से पूरी तरह काम में लाया जा सकता है मगर क्षतिग्रस्त पाली हाउस की मरम्मत के लिए केवीके के फंड नहीं है। ऐसे में अब तक जिला प्रशासन से इसके लिए फंड की मांग की जा रही है लेकिन अब तक फंड नहीं मिलने की वजह से यह ऐसे ही उजाड़ पड़ा हुआ है। केवीके प्रबंधन के अनुसार मेंटनेंस के लिए ढाई से तीन लाख रुपए खर्च हो सकते हैं।
केवीके की सक्रियता नहीं दिख रही
वर्तमान में केवीके की सक्रियता नजर नहीं आ रही है जिससे किसान भी यहां से जुड़ नहीं पा रहे हैं और दूरी बनाए हुए हैं। किसानों को नवाचार के लिए प्रोत्साहित नहीं कर पा रहे हैं। एकाध-दो प्रशिक्षण तक ही गतिविधियां सिमटी नजर आ रही है।
पाली हाउस से यह फायदा
पाली हाउस में तापमान को नियंत्रित कर बारहों माह खेती की जा सकती है। यहां उन्नत किस्म के पौधे तैयार किए जाते हैं जो निरोग और अच्छी गुणवत्ता के साथ अधिक पैदावार देने लायक होते हैं। किसानों को समय-समय पर प्रशिक्षण देकर सब्जी व फूलों पर शोध के बारे में जानकारी मिलती जिसे अपनाकर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं लेकिन वर्तमान में सारी गतिविधियां शून्य पड़ी हुई है।
वर्जन
पाली हाउस क्षतिग्रस्त हो गया है। मेंटनेंस के लिए पूर्व कलेक्टर के पास प्रपोजल भेजा गया था लेकिन स्वीकृति नहीं मिल पाई। अब फिर से नया प्रपोजल तैयार किए हैं जिसे जल्द ही जिला प्रशासन को भेजेंगे।
डॉ. राजीव दीक्षित, केवीके प्रभारी जांजगीर-चांपा

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