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लूट की झूठी कहानी गढऩे वाले कर्मी ने पुलिस को बताई असली कहानी, इस तरह मिलकर रची थी साजिश, पढि़ए खबर…

locationजांजगीर चंपाPublished: Sep 06, 2019 12:48:17 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

Loot Case: फायनेंस कंपनी के कर्मचारी से हुए 83 हजार लूट की घटना फर्जी निकली।

लूट की झूठी कहानी गढऩे वाले कर्मी ने पुलिस को बताई असली कहानी, इस तरह मिलकर रची थी साजिश, पढि़ए खबर...

लूट की झूठी कहानी गढऩे वाले कर्मी ने पुलिस को बताई असली कहानी, इस तरह मिलकर रची थी साजिश, पढि़ए खबर…

बाराद्वार. फायनेंस कंपनी के कर्मचारी ने ही अपने दोस्त के साथ मिलकर लूट की झूठी कहानी गढ़ी थी और वसूली की रकम को आपस में बांट लिया था। पुलिस ने फायनेंस कंपनी के कर्मचारी के साथ उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है। मामला बाराद्वार थाना का है।
बाराद्वार थाना प्रभारी एमएल शर्मा ने बताया कि भकुर्रा नवापारा तखतपुर जिला बिलासपुर निवासी मुरारी पटेल ने चार सितंबर को बाराद्वार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि भारत फायनेंस कंपनी ब्रांच चांपा में काम करने वाले कर्मचारी गंगेश खांडे को कंपनी द्वारा महिला समूहों को दिए गए कर्ज की राशि की किस्त वसूली के लिए चार सितंबर को बाराद्वार, पलाड़ीकला, मुक्ताराजा भेजा गया था।
दोपहर करीब तीन बजे गंगेश ने फोन कर उसे बताया कि ग्राम खम्हरिया जाते समय गांव के बाहर दो बाइक में चार लोग उसके पास पहुंचे और बैग में वसूली की रकम 83 हजार 783 रुपए को लेकर भाग निकले। प्रार्थी ने बताया कि लूट की घटना की सूचना मिलने पर वे खुद अपने कुछ कर्मचारी को लेकर गंगेश के बताए घटना स्थल पर पहुंचे, लेकिन घटना स्थल को देखकर और गंगेश द्वारा बताए गए घटनाक्रम में भारी भिन्नता मिली। ऐसे में प्रार्थी ने गंगेश पर ही शक जाहिर करते हुए अमानत में खनायत का मामला दर्ज कराया। ऐसे में पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए गंगेश को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की जिस पर गंगेश टूट गया और दोस्त के साथ मिलकर लूट की झूठी कहानी गढऩे की सारी दास्तान उगल दी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर रिमांड में ले लिया है।

इस तरह मिलकर रची थी साजिश
आरोपी गंगेश ने अपने दोस्त बिरेन्द्र साहू पिता हरिचरण साहू उम्र 22 साल साकिन लोरमी जिला मुंगेली के साथ इस लूट की झूठी साजिश को अंजाम दिया था। बिरेन्द्र भी भारत फायनेंस कंपनी ब्रांच कोरबा में कर्मचारी है। दोनों ने लूट की झूठी कहानी रचते हुए वसूली की रकम 83 हजार 783 रुपए को बांट लिया था। इसमें गंगेश ने 3783 रुपए खुद रखे थे और बाकी 80 हजार रुपए को अपने दोस्त बिरेन्द्र को दे दिए थे। पकड़ में आने के बाद पुलिस ने गंगेश के कब्जे से 3783 रुपए नकद और एक मोबाइल फोन और बिरेन्द्र के पास से 80 हजार रुपए एवं मोबाइल फोन बरामद कर लिया।

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