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खरीदी बंद होने के डेढ़ माह बाद भी पांच लाख क्विंटल धान केंद्रों में जाम, बेमौसम बारिश से करोड़ों का नुकसान

locationजांजगीर चंपाPublished: Mar 14, 2020 04:47:52 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

Paddy News: खरीदी केंद्रों में अब भी पांच लाख क्विंटल से ज्यादा धान जाम पड़ा हुआ है। करोड़ों का धान बेमौसम बारिश में पूरी तरह भीगकर सड़ रहा है। खरीदी केंद्रों का मंजर धान की खेतों की तरह नजर आ रहा है जिसमें चारों ओर धान उग आए हैं।

खरीदी बंद होने के डेढ़ माह बाद भी पांच लाख क्विंटल धान केंद्रों में जाम, बेमौसम बारिश से करोड़ों का नुकसान

खरीदी बंद होने के डेढ़ माह बाद भी पांच लाख क्विंटल धान केंद्रों में जाम, बेमौसम बारिश से करोड़ों का नुकसान

जांजगीर-चांपा. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी बंद हुए डेढ़ माह हो गए, लेकिन अभी भी उपार्जन केंद्रों से मार्कफेड के अफसर धान का उठाव नहीं कर पाए। बोरियों से धान की जरई निकल चुकी है। धान पूरी तरह से भीगकर बर्बाद हो चुकी है। इधर इसके बाद भी अधिकारी धान उठाव की रफ्तार को बेहतर बता रहे हैं। जबकि हकीकत तो यह है कि कई केंद्रों से पखवाड़े दिन के भीतर धान एक दाना तक नहीं उठा है। समय पर उठाव होता है तो शायद इतना नुकसान नहीं होता।
धान उठाव में हो रही लापरवाही के चलते ही पिछले दिनों खरीदी केंद्र प्रभारियों को सड़क पर भी उतरकर आंदोलन तक करना पड़ा था। मार्कफेड के दफ्तर का घेराव और लिंक रोड में चक्काजाम तक किया गया, लेकिन इसके बाद भी अफसरों की नींद नहीं टूट रही। शासन के नियम के मुताबिक तो खरीदी के 72 घंटे में उठाव करना है, लेकिन यहां 72 घंटे नहीं खरीदी बंद होने के 45 दिनों बाद भी उपार्जन केंद्रों से धान नहीं उठ पाया। 14 मार्च की स्थिति में जिले के उपार्जन केंद्रों में पांच लाख 26 हजार क्विंटल जाम का उठाव नहीं हुआ था।
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उपार्जन केंद्रों में दिख रहा बर्बादी का मंजर
बेमौसम बारिश से उपार्जन केंद्रों में धान की बर्बादी का मंजर दिख रहा है। पत्रिका ने जिला मुख्यालय से लगे पेण्ड्री उपार्जन केंद्र का दौरा किया तो केवल धान की बर्बादी ही नजर आई। आज भी केंद्र में हजारों क्विंटल धान जाम पड़ा हुआ है जो बारिश में सड़कर बर्बाद हो चुका है। उपार्जन केंद्र चारों ओर से खेत की तरह दिख रहा है, क्योंकि बिखरा पड़ा धान पौधों में रूप में बदल गया है। बोरियों से धान अंकुरण होकर बाहर निकल रहा है। कर्मचारियों का कहना रहा कि आज की खरीदी के रिकार्ड में इतनी बारिश और ऐसा नजारा कभी नहीं देखा। धान का भारी नुकसान हुआ है। भरपाई करना नामुमिकन है। ऐसा ही नजारा जिले के लगभग हर केंद्रों में नजर आ रहा है।

-खरीदी केंद्रों से धान का उठाव हो रहा है। नीचे की लेयर खराब होने की जानकारी मिल रही है। बारिश से कितना धान नुकसान हुआ है यह स्थिति उठाव पूर्ण हो जाने के बाद ही स्पष्ट होगी। अभी जीरो शार्टेज का लक्ष्य लेकर ही कार्य किया जा रहा है। अश्वनी पांडेय नोडल आफिसर जिला सहकारी बैंक
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