Mahashivratri: बाबा कलेश्वरनाथ का जलाभिषेक करने सुबह उमड़ा हुजूम, अंचल के शिवालयों में दिनभर चली पूजा-अर्चना, नवागढ़, पीथमपुर, तुर्रीधाम और परसाही में लगा मेला
महाशिवरात्रि पर हुई भोले की भक्ति, शिवालयों में उमड़ा जनसैलाब
जांजगीर-चांपा. महाशिवरात्रि पर अंचल के शिवमंदिरों में पूजा करने भक्तों की भीड़ उमड़ी। जलाभिषेक करने के साथ ही बेलपत्र और आम बौर चढ़ाकर भक्तों ने मन्नत मांगी। भोलेनाथ के दरबार में दिन भर खचाखच भीड़ रही और शिवजी के जयघोष से अंचल गूंजायमान रहा। वैसे तो सभी शिव मंदिरों में शिवरात्रि पर पूजा अर्चना हुई पर पीथमपुरए खरौद, तुर्रीधाम, नवागढ़ और परसाहीनाला में सुबह से शाम तक भक्तों का तांता लगा रहा।
नगर के न्यू चंदनिया पारा स्थित उमा महेश्वर मंदिर, भीमा पार स्थित विश्वेश्वरनाथ मंदिर और पुरानी बस्ती के सेंधवार महादेव मंदिर में आस्था उमड़ी। जिला मुख्यालय से 11 किलोमीटर दूर पीथमपुर में हसदेव नदी के तट पर स्थित बाबा कलेश्वरनाथ के दर्शन को आसपास के गांव सहित जिलेभर से शिवभक्त अलसुबह से ही पहुंच गए थे। तड़के मंदिर का द्वार खुलते ही बाबा कलेश्वरनाथ का जलाभिषेक शुरू हुआ।
भक्तों ने पुण्य सलिला हसदेव में स्नान कर जलाभिषेक किया। भगवा वस्त्र में कांवरियों का जत्था मदनपुरगढ़ व डोंगाघाट से जलभर कर मंदिर पहुंचा। कई श्रद्घालु लोट मारते बाबा के दर्शन को पहुंचे। बच्चे, बूढ़े व महिलाएं सभी वर्ग के लोगों को रेला बाबा कलेश्वरनाथ के दर्शन के लिए उमड़ पड़ा था। दर्शनार्थियों की संख्या इतनी अधिक थी कि धक्का-मुक्की में कई लोग जल चढ़ाए बिना ही भीड़ से बाहर निकल गए और कई बार प्रयास करने के बाद बड़ी मुश्किल से जल चढ़ा सके। बाबा के दर्शन के लिए ट्रेक्टर, आटो, जीप, कार, मोटर साइकिल व साइकिल में आसपास के गांवों सहित जिले भर से भक्त यहां पहुंचे।
शिवरात्रि पर भीड़ के मद्देनजर शांति व्यवस्था बनाए रखने नवागढ़, पीथमपुर में पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी। मेला स्थल से लेकर मंदिर परिसर तक पुलिस कर्मी तैनात थे। मंदिर के अंदर महिला पुलिस कर्मियों ने भी सुरक्षा व्यवस्था का कमान संभाल रखी थी। इसी तरह नवागढ़ के लिंगेश्वर महादेव मंदिर, परसाहीनाला के बाबा पारसनाथ, खरौद के लक्ष्मणेश्वर और तुर्रीधाम के शिव मंदिर सहित अंचल के शिवालयों में दिन भर पूजा अर्चना का क्रम चलता रहा।
मेले का भी आनंद लिया जलाभिषेक व पूजा के बाद लोगों ने मेले का भी आनंद उठाया। मेले में चना, उखरा, होटल और खाने-पीने के अन्य सामान के साथ कपड़ा, मनिहारी और मूर्ति की दुकान लगी थी। पीथमपुर मेले में शाम तक भीड़ रही। बाबा कलेश्वरनाथ के प्रति नागा साधु विशेष आस्था रखते हैं। धूलपंचमी के दिन नागा साधु यहां शिवजी की बारात निकालते हैं। शिवरात्रि से ही नागा पीथमपुर पहुंचने लगे हैं। आज भी कई नागा यहां पहुंचे जो धूलपंचमी पर शिवजी की बारात में शामिल होने तक यहां रहेंगे।