दरअसल यह घटना शुक्रवार की है, जब जिला मुख्यालय से लगे ग्राम बनारी कांजीनाला के पास रहने वाले गोपाल गोंड़ की दो साल की मासूम बच्ची को सुबह सांप ने काट लिया। परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन बच्ची की जान नहीं बच पाई। इसके बाद पोस्टमार्टम कर बच्ची का शव परिजन को दे दिया मगर शव को ले जाने अस्पताल प्रबंधन ने वाहन की कोई व्यवस्था नहीं की। टोटल लॉकडाउन की वजह से कोई नहीं वाहन भी नहीं मिला।
परिजनों के मुताबिक अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने लॉकडाउन के चलते वाहन नहीं मिलने का हवाला दिया। ऐसे में परिजन बच्ची के शव को चादर और पन्नी में लपेट कर बाइक में लेकर घर रवाना हुए। बाइक में पीछे पिता अपनी दो साल की मासूम के शव को गोद में लेकर बैठा था। पिता की आंखों में आसू साफ झलक रहे थे।
इधर इस मामले में सीएमएचओ डॉ. एसआर बंजारे का कहना है कि परिजन बच्ची को ब्रॉट डेट जिला अस्पताल लेकर आए थे। मैंने ड्यूटीरत डॉॅक्टर से बात की है, अस्पताल परिसर में ही मुक्तांजलि वाहन खड़ी थी। परिजनों ने अस्पताल के किस स्टाफ से वाहन के बारे में जानकारी ली थी, इसकी जानकारी ली जाएगी। दोबारा इस तरह की लापरवाही न हो इसके लिए शोकाज नोटिस जारी किए हैं।