युवक के पिता सम्मेलाल जाटवर से मिली जानकारी के अनुसार वह 2014 में परिवार समेत जम्मू-कश्मीर गए थे। जहां नवा शहर के ईंट भट्ठे में काम करते थे। यहां से 19 साल का बेटा घनश्याम जाटवर, जिसकी मानसिक स्थिति सही नहीं थी वह 14 अप्रैल 2014 को कहीं लापता हो गया था। काफी तलाशने के बाद भी युवक का कोई पता नहीं चला। इसके बाद युवक का परिवार वापस अपने गांव आ गया।
विदेश मंत्रालय से रिहाई की लगाई थी गुहार
इसके बाद परिवार को जानकारी मिली की, घनश्याम जाटवर भारत की सीमा को पार कर पीओके पहुंच गया है। युवक को पाकिस्तानी सीमा में पकड़ा गया था। युवक के पाकिस्तान बॉर्डर पार करने की जानकारी मिलने पर उसके घरवालों ने विदेश मंत्रालय से संपर्क कर घनश्यम के रिहाई की गुहार लगाई थी।
इसके बाद परिवार को जानकारी मिली की, घनश्याम जाटवर भारत की सीमा को पार कर पीओके पहुंच गया है। युवक को पाकिस्तानी सीमा में पकड़ा गया था। युवक के पाकिस्तान बॉर्डर पार करने की जानकारी मिलने पर उसके घरवालों ने विदेश मंत्रालय से संपर्क कर घनश्यम के रिहाई की गुहार लगाई थी।
परिजनों में खुशी का माहौल
बता दें कि तत्कालीन सांसद कमला पाटले ने उस समय के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को चिट्ठी लिखकर परिजन की फरियाद से अवगत कराया था। 6 साल बाद युवक की रिहाई हुई है। अब वह अपने घर पिहरीद पहुंच चुका है। घनश्याम जाटवर के लौटने पर उसके परिजनों और पिहरीद के लोगों में खुशी का माहौल है।
बता दें कि तत्कालीन सांसद कमला पाटले ने उस समय के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को चिट्ठी लिखकर परिजन की फरियाद से अवगत कराया था। 6 साल बाद युवक की रिहाई हुई है। अब वह अपने घर पिहरीद पहुंच चुका है। घनश्याम जाटवर के लौटने पर उसके परिजनों और पिहरीद के लोगों में खुशी का माहौल है।
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