गोठानों में गेंदा की खेती, फूलों से संवर रही महिलाओं की जिंदगी
जांजगीर चंपाPublished: Oct 09, 2022 08:42:59 pm
गेंदा फूल की महक से गोठान के साथ समूह की महिलाओं की जिंदगी भी महकने लगी है। जिससे उनका परिवार भी इस खुशबू से सराबोर हो रहा है। यह खुशबू एक परिवार के लिए नहीं बल्कि समूह में काम कर रही हर महिला की जिंदगी को सुगन्धित कर रही है।


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जांजगीर-चांपा। हम बात कर रहे हैं अकलतरा विकासखंड की ग्राम पंचायत तिलई की जहां पर जय अन्नधारी महिला स्व सहायता समूह गेंदा फूल की खेती कर रहा है तो वहीं नवागढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत पचेड़ा में खुशी महिला स्व सहायता समूह गेंदा फूल की खेती से उनके चेहरे की खुशी दिन दूनी रात चौगनी बढ़ रही है।
गौठान में पर्याप्त जगह मिलने और महात्मा गांधी नरेगा के अलावा उद्यान विभाग से तकनीकी मार्गदर्शन से ही आज बेहतर गेंदा फूल की खेती कर पा रही हैं। जिपं सीईओ डॉ. फरिहा आलम ने बताया कि महिलाओं को गोठान ने स्वरोजगार की ओर बढ़ाया है, जिससे गांव में रहते हुए ही बेहतर आजीविका मिल रही है। समूह की महिलाओं का कहना है कि कम लागत में अधिक मुनाफा है और गेंदा फूल की मांग बारह माह रहती है।
नवरात्रि में जमकर हुई बिक्री, अब दिवाली में भी मांग दोगुनी
तिलई गौठान एवं जिले से 10 किलोमीटर दूर स्थित पचेड़ा में गेंदे की फूलों की खेती स्व सहायता समूहों के द्वारा की जा रही है। जय अन्नधारी महिला समूह की अध्यक्ष सुनीता यादव, सचिव सुकुमारी यादव ने बताया कि तिलई गोठान में सब्जी-बाड़ी के साथ ही गेंदा फूल की खेती कर रही हैं। वर्तमान में जिस तरह से गेंदे की पैदावार हो रही है उससे नवरात्रि में बेहतर रोजगार मिला और दिवाली में अच्छी आमदनी की उम्मीद है। तो वहीं खुशी समूह की अध्यक्ष श्रीमती निर्मला का कहना है कि शासन की योजना का फायदा समूह को मिल रहा है। नवरात्रि के दौरान 6 बार गेंदा फूल की तोड़ा गया जिसे जांजगीर के बाजारों में बेचकर मुनाफा कमाया।
अजीविका केंद्र के रुप में कर रहे डेवलप: कलेक्टर
जिला कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने बताया कि सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट एनजीजीबी के तहत बनाए गए गोठानों के माध्यम से स्व सहायता समूहों की महिलाओं के लिए आजीविका गतिविधि केन्द्र के रूप में विकसित की जा रही हैं। इससे महिलाएं स्वरोजगार की ओर बढ़कर आर्थिक रूप से मजबूत बन रही हैं। जिपं सीईओ डॉ. आलम ने बताया कि समूहों की महिलाएं अलग-अलग नवाचार कर अपने आपको आत्मनिर्भर बना रही है। गेंदा फूल की मांग हर समय रहती है, दीपावली पर यह फूल बहुत महंगा बिकता है, इससे समूह को अधिक आमदनी होगी।