scriptMissed job in Kovid period then adopted farming | कोविड काल में छूटी जॉब तो खेती को अपनाया, डेढ़ एकड़ में केले की लहलहा रही फसल | Patrika News

कोविड काल में छूटी जॉब तो खेती को अपनाया, डेढ़ एकड़ में केले की लहलहा रही फसल

locationजांजगीर चंपाPublished: May 26, 2023 09:02:17 pm

Submitted by:

Anand Namdeo

जिले के किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर नकदी फसलों की खेती की ओर बढ़ रहे हैं। इसमें ऐसे उच्च डिग्री हासिल करने वाले युवा भी सामने आ रहे हैं क्योंकि खेती के क्षेत्र में सबसे ज्यादा स्कोप नजर आ रहा है। ऐसे ही जिले के पामगढ़ क्षेत्र के एक युवा किसान त्रिदेव दिनकर भी है। जिन्होंने डेढ़ एकड़ में केले की फसल लगाई है। अब केले की फसल तैयार हो गई है और अच्छी आय भी होने लगी है।

कोविड काल में छूटी जॉब तो खेती को अपनाया, डेढ़ एकड़ में केले की लहलहा रही फसल
कोविड काल में छूटी जॉब तो खेती को अपनाया, डेढ़ एकड़ में केले की लहलहा रही फसल
जांजगीर-चांपा . युवा किसान दिनकर ने बताया कि पामगढ़ मुख्य मार्ग से लेकर उनकी जमीन है जहां उन्होंने डेढ़ एकड़ एरिया में केले की खेती की है। उन्होंने बताया कि खैरागढ़ विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल करने के बाद कोरबा जिले के छुरी नवोदय विद्यालय में संविदा नौकरी लग गई लेकिन कोविड महामारी के चलते नौकरी चली गई। तब एहसास हुआ कि नौकरी की बजाए अपना व्यवसाय करना ही सही है। खेती के प्रति रुझान उनके मंझले भाई को देखकर आया। जो २०१६ में यहां आया था और ऐसे ही केले की कुछ पौधे लगाए थे। जिसमें बिना कुछ मेहनत और रिचर्स अच्छा उत्पादन हुआ। यह बात दिमाग में थी। जाब जाने के बाद जून २०२२ में डेढ़ एकड़ में केले की खेती की शुरुआत की। १४३५ के करीब पौधे लगाए। एक साल से कम समय में पेड़ तैयार हो गए और अब केले भी निकलने लगे हैं।
केले की परंपरागत पद्धति के बजाए ७० पीस तकनीक से खेती
दिनकर ने बताया कि केले की खेती में उतरने के पहले उन्होंने खेती की विधि सीखी। जीपीएम जिला में जाकर कुछ दिनों तक रिचर्स किया। इस दौरान वहीं मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले केकिसान बलराम से उनकी मुलाकात हुई जिनसे ७०-३० पीस खेती पद्धति के बारे में पता चला। इसी पद्धति से ही उन्होंने यहां खेती की फसल लगाई। इस पद्धति में खेत में ७० फीसदी पौधे और ३० फीसदी जगह किसान के चलने के लिए छोड़ी जाती है। इस तरह खेती में नवाचार भी किया जिसका अच्छा रिजल्ट देखने को मिला।
खेती के क्षेत्र में अपार संभावनाएं
युवा किसान दिनकर का कहना है कि खेती के क्षेत्र में अपार संभावनाएं और अवसर हैं। बस सही तरीके से काम करने की जरुरत हैं। इसके लिए परंपरागत खेती से आगे बढ़कर खेती में नवाचार करने की आवश्यकता है। खासकर उद्यानिकी और नगदी फसलों में परंपरागत खेती से कई गुना अधिक मुनाफा है।
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