अधिकारियों में मचा है हडक़ंप
बताया जा रहा है कि खिसोरा धान खरीदी केंद्र हमेशा विवादों में रहा है। इससे पहले भी इस समिति में फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आ गए हैं। पत्रिका में खबर छपने के बाद अधिकारियों के काम खड़े हो गए और सारे के सारे अधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि खिसोरा में फिर फर्जीवाड़ा हो गया। क्योंकि पहले भी इस सोसायटी में फर्जीवाड़े सामने आ चुके हैं। जिसकी जांच पहले भी हो चुकी है। किसानों ने यहां के फर्जीवाड़े को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन किया था।
चार लोगों की संलिप्तता का आरोप
बताया जा रहा है कि प्रमोद यादव की मौत के बाद उसके भाई कृष्ण कुमार यादव ने फौती कटवा लिया और अपने नाम से पौने दो लाख का धान बेच दिया, लेकिन प्रमोद कुमार का नाम अब तक नहीं काटा गया और उसके खाते का इस्तेमाल व्यापारी रामनाथ साहू कर रहा था। रामनाथ साहू ने इस नाम से इस साल धान बिक्री न करते हुए खाते को ग्रामीण रामकुमार को दे दिया। रामकुमार ने खाता को लेन-देन कर खरीदी प्रभारी विनोद कुमार आदिले को दे दिया। जिससे विनोद कुमार आदिले ने मृत व्यक्ति के नाम ढाई लाख रुपए का धान बिक्री कर दिया।
खिसोरा धान खरीदी में मृत व्यक्ति के नाम धान बिक्री की जांच के लिए टीम का गठन कर दिया गया है। जांच टीम में शाखा प्रबंधक संतोष सोनी को ४८ घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– कमल सिंह ठाकुर, नोडल अधिकारी