जांजगीर चंपा

हथियार के लिए लाइसेंस चाहिए, तो फिटनेस प्रमाण के साथ लगेंगे और भी दस्तावेज, पढि़ए खबर…

अब नए हथियार के लिए लाइसेंस लेना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। जिले में नए शस्त्र के लिए तकरीबन दो दर्जन आवेदन लंबित है।

जांजगीर चंपाDec 05, 2017 / 08:30 pm

Vasudev Yadav

जांजगीर-चांपा. आत्मरक्षा कहें या शौंकिया तौर पर, यदि आप शस्त्र ‘हथियारÓ के लिए लाइसेंस लेना चाह रहे हैं तो पहले इसके लिए प्रशिक्षण लेना पड़ेगा। इसके बाद शारीरिक दक्षता प्रमाण पत्र के साथ दस बिंदुओं में आवश्क दस्तावेज जमा करनी होगी।
यदि अफसरों को सारे रिकार्ड अपडेट मिलेंगे तभी आपना हथियार रखने के लिए लाइसेंस मिल सकता है। दरअसल, सरकार ने आम्र्स एक्ट में कई नए संसोधन किए हैं जिसके चलते अब नए हथियार के लिए लाइसेंस लेना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। जिले में नए शस्त्र के लिए तकरीबन दो दर्जन आवेदन लंबित है। जिसमें या तो पुलिस वेरीफिकेशन नहीं मिल पाया है। या तो उसने दस्तावेज पूर्ण नहीं कर पाए हैं। अलबत्ता नए शस्त्र की शौंक पूरा हो पाना लोगों के लिए महज सपना साबित हो रहा है।
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वर्ष 2016 के बाद शस्त्र के लिए लाइसेंस लेने के लिए शस्त्र प्रेमियों को कलेक्टोरेट व एसपी दफ्तर के चक्कर काटना पड़ रहा है। शासन के नए पेंच की वजह से उनके हथियार का लाइसेंस नहीं बन पा रहा है। क्योंकि शासन ने नए नियम के तहत लाइसेंस के लिए दो नए बड़े नियम बनाए हैं। जिसके तहत शस्त्रधारियों को शासन से मान्यता प्राप्त संस्थान से ट्रेनिंग लेनी होगी। वहीं मेडिकल बोर्ड के द्वारा निर्मित शारीरिक फिटनेश प्रमाण पत्र देना पड़ेगा।

इतना ही नहीं अन्य दस बिंदुओं में प्रमाण पत्र देना पड़ेगा। इसके बाद ही आपका लाइसेंस बन सकता है। जबकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि समूचे छत्तीसगढ़ में शस्त्रधारियों को ट्रेनिंग सेंटर बना ही नहीं है। ऐसी स्थिति में शस्त्र प्रेमियों को प्रशिक्षित कौन करेगा और जब तक लोग प्रशिक्षित होंगे नहीं तब तक उन्हें लाइसेंस मिलेगा नहीं। ऐसे में कलेक्टोरेट में सारे आवेदन धूल फांक रही है।

जिले में औसत से अधिक शस्त्रधारी
बताया जा रहा है कि जिले में औषत से अधिक शस्त्रधारी हैं। जानकारी के अनुसार पांच हजार की आबादी में एक शस्त्र के लिए लाइसेंस देने का प्रावधान है। यदि जिले की आबादी 40 लाख भी हो तो अधिकतम 400 शस्त्र होने चाहिए, लेकिन इस जिले में आलरेडी पहले से 486 शस्त्र के लिए लाइसेंस जारी हो चुका है। जो औषत से 86 अधिक है। यही वजह है कि जिले के जिम्मेदार अधिकारी नए शस्त्र के लाइसेंस जारी करने के लिए रुचि नहीं ले रहे हैं। यह लाइसेंस दो साल पहले के जारी हुए हैं। दो सालों से एक भी नए शस्त्र के लिए लाइसेंस जारी नहीं किया गया है।

सर्वाधिक शस्त्रधारी जांजगीर में
जिले में सबसे अधिक शस्त्रधारी जांजगीर थाना क्षेत्र में है। कोतवाली क्षेत्र के शहर समेत तकरीबन 40 गांवों में 87 शस्त्रधारी हैं। जिसमें तकरीबन एक दर्जन शस्त्र बैंक व अन्य शासकीय संस्थानों के हैं। इसी तरह दूसरे क्रम में मुलमुला व पामगढ़ थाना क्षेत्र में 54-54 शस्त्रधारी हैं।

-शासन ने वर्ष 2016 में आम्र्स एक्ट के नियमों में संसोधन किया है। जिसके तहत नए साइसेंस के लिए आवेदकों को प्रशिक्षित होने का प्रमाण पत्र व मेडिकल बोर्ड से फिटनेश प्रमाण पत्र देना अनिवार्य कर दिया है। वर्तमान में जितने भी आवेदन आए हैं वह अपडेट नहीं है। इसके कारण उनका लाइसेंस जारी नहीं हो सका है -डीके सिंह, अपर कलेक्टर

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