उन्होंने पत्रिका से बातचीत के दौरान बताया उनके क्षेत्र के जनप्रतिनिधि पिछड़ा वर्ग समाज के लोगों की उपेक्षा कर रहे हैं, इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि उनके द्वारा क्षेत्र का विकास भी सही तरीके से नहीं किया गया है। उन्होंने समाज के लोगों से आह्वान किया कि वह एकजुट हो और सही जनप्रतिनिधि को चुनकर लाएं।
Breaking : कार पलटने से एक ही परिवार के तीन लोग झुलसे, अपोलो रेफर रामकुमार पटेल ने बताया कि आज तक जो भी विधानसभा पामगढ़ में विधायक सांसद व अन्य जनप्रतिनिधि के रूप में चुनकर आए हैं उन्होंने सिर्फ पिछड़ी जाति से अपना स्वार्थ साधा है। उन्होंने चुनाव से पहले तो पिछड़ा वर्ग को अपने साथ लियाए लेकिन जैसे ही चुनकर क्षेत्र की जनता के विकास के लिए आगे आए पिछड़ा वर्ग समाज को भूल गए। यही कारण है कि आज पिछड़ा वर्ग समाज उपेक्षा का शिकार होकर रह गया है।
इतना ही नहीं उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य में 90 विधानसभा सीटों में कम से कम दस विधानसभा सीट में पिछड़ा वर्ग समाज की दावेदारी मांगी है। उनकी मांग है कि यदि ऐसा नहीं होता तो उनके समाज के जितने भी पदाधिकारी हैं वह अपने पद से इस्तीफा दे दें। इतना ही नहीं 15 मार्च को समाज अपनी एकजुटता दिखाने के लिए सक्ती में शक्ती प्रदर्शन करने जा रहा है। इसमें भारी संख्या में समाज के लोग इक_ा होंगे।
क्षेत्र की समस्या पर नहीं दिया जा रहा ध्यान
रामकुमार पटेल ने बताया कि पामगढ़ क्षेत्र में काफी समस्याएं हैए जिनका हल होना जरूरी है। ऐसा न होने से क्षेत्र के लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में पानी, सड़क, शौचालय, वृद्धा पेंशन, पीएम आवास सहित अन्य कई योजनाओं का सही लाभ लोगों नहीं मिल रहा है। कुछ महीने पहले जब मुख्यमंत्री रमन सिंह क्षेत्र में आए थे तो उन्होंने जनता की मांग पर 20 लाख की लागत से भैंसों में रोड व पानी टंकी बनाने की घोषणा किए थेए लेकिन आज तक वह पूरा नहीं हो पाया है।