कलेक्टर ने निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। पंडाल के सामने कम से कम 3000 वर्गफीट खुली जगह होनी चाहिए। पंडाल एवं सामने 3000 वर्ग फीट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित ना हो। मुख्य मार्ग, सड़क अथवा गलियों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर बनाएंगे जिसमें दर्शन के लिए आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कांटेक्ट किया जा सके।
पंडाल, मंडप के सामने दर्शकों के बैठने के लिए पृथक पंडाल ना हो। दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने के लिए कुर्सी नहीं लगाए जाएंगे। किसी भी एक समय में पंडाल और मंडप के सामने मिलाकर 20 से अधिक व्यक्ति मौजूद ना हो। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति के बिना मास्क के नहीं जाएगा, ऐसा पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति और समिति के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
यह भी पढ़ें: टमाटर खाने के ये हैं 10 फायदे, मोटापा दूर करने समेत बच्चों और गर्भवती माताओं के लिए है उत्तम मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंड वाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाएंगे अथवा कोरोनावायरस से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाए जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी। निर्देशों के उल्लंघन करने पर एपिडेमिक डिजीज एक्ट एवं विधि अनुकूल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मूर्ति स्थापना से लेकर विसर्जन तक के नियम
मूर्ति स्थापना के दौरान विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के बाद किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा झांकी की अनुमति नहीं होगी। 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। अलग से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
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इसके अलावा घरों में मूर्ति स्थापित करने के लिए भी अनुमति लेनी होगी। यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है तो कम से कम सात दिन पहले शहरी क्षेत्रों के लिए संबंधित अअधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तहसीलदार कार्यालय में निर्धारित शपथपत्र देकर आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त करने के बाद ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी।