केमिकल के घोल से पकाए जाते है फल
फुटकर और थोक विक्रेताओं द्वारा फलों को पकाने कार्बेट नामक केमिकल का इस्तेमल किया जाता है। कार्बेट के टुकड़े एक पुडिय़ा पेटियों में डाल दी जाती है, जिससे कुछ घंटो में फल पक जाता है। जानकारों की मानें तो इथीफोन के घोल में केले डालने से उसके पोर खुल जाते है और पकना आसान हो जाता है। लेकिन पोर खुलने से केमिकल उसके अंदर चला जाता है। कैल्शियम कार्बाइड व कार्बेट से पपीते व आम को गर्मी मिलती है। इसलिए ये फल जल्दी पकते है और रंग भी पीला हो जाता है। इसमें स्वाद व गुणवत्ता का अभाव होता है।
अनजान बना है प्रशासन
कार्बेट को कच्चे फलों के बीच रखने से उसमें पैदा होने वाली गैस की गर्मी से फल जल्दी पकते है, जिले के फल व्यवसायी जमकर ऐसे धीमे जहर का इस्तेमाल कर रहे हैं। मजे की बात यह है कि जिला प्रशासन के अलावा अधिकारियों के घरों के फलों की आपूर्ति भी इन्हीं दुकानदारों से होती है फिर भी जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी कार्बेट से फलों को पकाने वाले और बेचने वाले व्यापारियों से अनजान बने रहते है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बताते है कि इस के फल खाने से शरीर में अल्सर पैदा होता है। लीवर व आंख की रोशनी पर भी प्रभाव डालता है।
ऐसे कर सकते हैं पहचान
केमिकल तथा प्राकृतिक तौर पर पके फलों में आप किस तरह फर्क कर सकते है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक सबसे बड़ी पहचान यही है कि केमिकल या गैस से पका केला, पपीता व आम पीला दिखता है, जबकि प्राकृतिक तौर पर पके फलों में हरा रंग भी रहता है। इसी तरह कृत्रिम रूप से पके केले में मिठास कम होती है। इसके अंदर का भाग सख्त रहता है। वहीं केमिकल और पेस्टिसाइड युक्त सब्जी से बचने का सबसे अच्छा उपाय है। उसे खाए ही नहीं, यदि खाना भी पड़े तो गर्म पानी में हल्का नमक डालकर 15 मिनट तक डुबाने के बाद ही उसे पकाने के लिए उपयोग में लाए।
क्या है लक्षण
बाजार में बिकने वाले विषाक्त फलों को खाने से होने वाले लक्षणों पर डाक्टर कहते है कि लंबे समय तक इनके सेवन से लोगों को नपुंसकता, सेट्रल नर्वस सिस्टम में खराबी, खून की कमी, ब्लड कैंसर, एड्रिन सिरदर्द, सुस्ती, प्रजनन क्षमता में कमी, पेट दर्द, उल्टी और डायरिया, आंत पेट और चर्म रोग होना निश्चित है।
सब्जी विक्रेता भी पीछे नहीं
केमिकल का फल ही नहीं सब्जी विक्रेता भी धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे है। सब्जी विक्रेता सड़ी गली सब्जियों को केमिकल में डुबोकर चमकीला और ताजा जैसा बनाते हैं, सब्जियां पर सिंथेटिक रंग और चमकीला बनाने केमिकल का इस्तेमाल होता है सिंथेटिक रंग का स्प्रे किया जाता है।
जल्द करेंगे जांच, होगी कार्रवाई
-जैसे ही हमें आदेश मिलता है टीम द्वारा कार्रवाई की जाती है। कैल्शियम कार्बाइड के अलावा किसी भी तरह के केमिकल का उपयोग फलों को पकाने के करने पर संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अगले सप्ताह ही जांच की जाएगी- बघेल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी