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जांजगीर चंपा

बाजार में बिक रहे केमिकल युक्त फलों की नहीं हो रही जांच, क्या कहते हैं खाद्य अधिकारी, पढि़ए खबर…

– डाक्टरों के अनुसार ऐसे फलों के सेवन से लांग टर्म में किडनी व लीवर को नुकसान होता है

जांजगीर चंपाFeb 10, 2019 / 07:21 pm

Shiv Singh

बाजार में बिक रहे केमिकल युक्त फलों की नहीं हो रही जांच, क्या कहते हैं खाद्य अधिकारी, पढि़ए खबर...

बाजार में बिक रहे केमिकल युक्त फलों की नहीं हो रही जांच, क्या कहते हैं खाद्य अधिकारी, पढि़ए खबर…

जांजगीर-चांपा. फलों का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है, लेकिन वही फल अगर रसायन से पकाए गए हों तो सेहत के लिए घातक साबित हो सकता है। शहर में रोज बड़ी मात्रा में फलोंं की बिक्री होती है। शहर में फल की थोक मंडी नहीं है। शहर में फल बाहर से पककर आते हैं। इसके अलावा अधिकांश फल विक्रेता भी पकाने के लिए इसका शहर में ही करते है।
शहर में अब फलों की आमद तेज हो गई है। फल विक्रेताओं द्वारा दुकानों पर फलों में व्यापक गड़बडिय़ों की सैम्पलिंग पहले भी विभाग करता आ रहा है। पिछले केमिकल से पके फल खाने से राजधानी में उल्टी के साथ चक्कर व बेहोशी की शिकायत के बाद शासन ने पूरे राज्य में बिकने वाले फलों की सघन जांच के आदेश दिए थे। डाक्टरों के अनुसार ऐसे फलों के सेवन से लांग टर्म में किडनी व लीवर को नुकसान होता है। इसलिए फलों की खरीदी में सावधानी जरूरी है।
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डाक्टरों की मानें तो कार्बाइड से पकाए गए फल कैंसर की वजह भी बन सकते है। कार्बेट और एसिटिलीन गैस से पके फलों से पाचन क्षमता कम होने की बात जानकार बता रहे है। इसके बावजूद जिला प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिले में खुलेआम फल व सब्जी की बिक्री की जा रही है। प्रिवेशन आफ फूड एल्ट्रेशन एक्ट 1955 के तहत अप्राकृतिक ढंग से फलों का पकाना अपराध है।

केमिकल के घोल से पकाए जाते है फल
फुटकर और थोक विक्रेताओं द्वारा फलों को पकाने कार्बेट नामक केमिकल का इस्तेमल किया जाता है। कार्बेट के टुकड़े एक पुडिय़ा पेटियों में डाल दी जाती है, जिससे कुछ घंटो में फल पक जाता है। जानकारों की मानें तो इथीफोन के घोल में केले डालने से उसके पोर खुल जाते है और पकना आसान हो जाता है। लेकिन पोर खुलने से केमिकल उसके अंदर चला जाता है। कैल्शियम कार्बाइड व कार्बेट से पपीते व आम को गर्मी मिलती है। इसलिए ये फल जल्दी पकते है और रंग भी पीला हो जाता है। इसमें स्वाद व गुणवत्ता का अभाव होता है।

अनजान बना है प्रशासन
कार्बेट को कच्चे फलों के बीच रखने से उसमें पैदा होने वाली गैस की गर्मी से फल जल्दी पकते है, जिले के फल व्यवसायी जमकर ऐसे धीमे जहर का इस्तेमाल कर रहे हैं। मजे की बात यह है कि जिला प्रशासन के अलावा अधिकारियों के घरों के फलों की आपूर्ति भी इन्हीं दुकानदारों से होती है फिर भी जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी कार्बेट से फलों को पकाने वाले और बेचने वाले व्यापारियों से अनजान बने रहते है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बताते है कि इस के फल खाने से शरीर में अल्सर पैदा होता है। लीवर व आंख की रोशनी पर भी प्रभाव डालता है।

ऐसे कर सकते हैं पहचान
केमिकल तथा प्राकृतिक तौर पर पके फलों में आप किस तरह फर्क कर सकते है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक सबसे बड़ी पहचान यही है कि केमिकल या गैस से पका केला, पपीता व आम पीला दिखता है, जबकि प्राकृतिक तौर पर पके फलों में हरा रंग भी रहता है। इसी तरह कृत्रिम रूप से पके केले में मिठास कम होती है। इसके अंदर का भाग सख्त रहता है। वहीं केमिकल और पेस्टिसाइड युक्त सब्जी से बचने का सबसे अच्छा उपाय है। उसे खाए ही नहीं, यदि खाना भी पड़े तो गर्म पानी में हल्का नमक डालकर 15 मिनट तक डुबाने के बाद ही उसे पकाने के लिए उपयोग में लाए।

क्या है लक्षण
बाजार में बिकने वाले विषाक्त फलों को खाने से होने वाले लक्षणों पर डाक्टर कहते है कि लंबे समय तक इनके सेवन से लोगों को नपुंसकता, सेट्रल नर्वस सिस्टम में खराबी, खून की कमी, ब्लड कैंसर, एड्रिन सिरदर्द, सुस्ती, प्रजनन क्षमता में कमी, पेट दर्द, उल्टी और डायरिया, आंत पेट और चर्म रोग होना निश्चित है।

सब्जी विक्रेता भी पीछे नहीं
केमिकल का फल ही नहीं सब्जी विक्रेता भी धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे है। सब्जी विक्रेता सड़ी गली सब्जियों को केमिकल में डुबोकर चमकीला और ताजा जैसा बनाते हैं, सब्जियां पर सिंथेटिक रंग और चमकीला बनाने केमिकल का इस्तेमाल होता है सिंथेटिक रंग का स्प्रे किया जाता है।

जल्द करेंगे जांच, होगी कार्रवाई
-जैसे ही हमें आदेश मिलता है टीम द्वारा कार्रवाई की जाती है। कैल्शियम कार्बाइड के अलावा किसी भी तरह के केमिकल का उपयोग फलों को पकाने के करने पर संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अगले सप्ताह ही जांच की जाएगी- बघेल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी

-कार्बेट से पके फलों को खाने से लीवर और गुर्दे की बीमारी हो सकती है। वहीं कार्बेट से पके फलों का लंबे समय तक खाने से कैंसर जैसी जटिल बीमारियां होने का खतरा रहता है-डॉ. यूके मरकाम, सीएस जिला अस्पताल

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