सफाई नहीं, परिसर में आती है बदबू
बस स्टेंड परिसर का बाहर से तो रंगाई-पुताई जरूर कर दिया गया है। लेकिन अंदर झांकने तक नहीं पहुंचे है। अंदर की सफाई नहीं होने से कचरा बिखरा पड़ा हुआ है। इसके अलावा बस स्टेंड के सामने नाली कचरा से अटा पड़ा हुआ है। नाली जाम हो गया है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सफाई बस स्टेंड तक सफाई करने पहुंचते ही नहीं है।
असमाजिक तत्वों का बना डेरा
शहर से बाहर होने के कारण यह स्थान असमाजिक तत्वों का डेरा बना हुआ है। स्टैंड के एक कक्ष में ताला लटका है तो ठीक उसके सामने के कमरे में शराब की खाली तीन से चार शीशी व गिलास रखे हुए हैं। इसके अलावा कई जगहों पर अंग्रेजी शराब की बोतलें पड़ी है जो बताती है कि इस स्थान का किस प्रकार उपयोग किया जा रहा है। हालांकि यहां से मात्र एक फर्लांग की दूरी पर ही पुलिस लाइन है जिसके कारण दिन भर सिपाहियों व पुलिस वालों का आना-जान लगा रहता है लेकिन ऐसे तत्वों को पुलिस का भी खौफ नहीं रह गया है।
अधिकांश बसें नहीं पहुंचती स्टैंड
एक दशक पहले केरा रोड़ में नपा द्वारा बनवाए गए बस स्टैंड में कुछ दिनों तक तो सुविधा ठीक-ठाक रही लेकिन एक-दो साल बाद ही यहां अव्यवस्था शुरू हो गई। नगर से दूरी अधिक और सुविधा का अभाव होने के कारण लोगों ने बस स्टैंड की बजाए चौक-चौराहों से बस पकडऩा शुरू कर दिया। बस वालों को भी सड़क में ही यात्री मिल जाने से उन्होंने बस स्टैंड तक जाना बंद कर दिया। इसके बाद से नगर में कचहरी चौक, नेताजी चौक, बीटीआई चौक के अलावा कई जगह बस स्टापेज सा बन गया। यही कारण है कि यात्री चौक- चौराहों पर ही दुकान या पेड़ की छांव तलाशते बस का इंतजार करते हैं। अब तो आलम ये है कि बस स्टैंड में सिर्फ केरा रोड की ही बसें पहुंचती हैं। अभी शादी-ब्याह का सीजन चल रहा है। अधिकांश बस शादी में बुक हैं ऐसे में स्टैंड तक बसें नहीं पहुंच पा रही हैं।