जिला अस्पताल में नहीं मिल रहा बेहतर इलाज, बढ़ती जा रही डॉक्टरों की लापरवाही

Shiv Singh | Publish: Sep, 10 2018 08:15:23 PM (IST) Janjgir-Champa, Chhattisgarh, India
- सोमवार की सुबह कोई नहीं था मरीजों की सुनने वाला
जांजगीर-चांपा. जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ तो प्रशासनिक खामियों के चलते मरीजों को बदहाल का शिकार होना पड़ रहा है तो वहीं कुछ डॉक्टरों की लापरवाही चरम पर है। कुछ इसी तरह के परेशानियों के चलते सोमवार को जिला अस्पताल में मरीजों को बड़ी परेशानियों का शिकार होना पड़ा। मरीज इलाज के लिए भटकते नजर आए और जब डॉक्टर नहीं मिले तो वे रेफर की पर्ची बना लिए। वहीं जिला अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सोमवार को कई तरह के इवेंट थे। इसके कारण जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी रही। इसके कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
जिला अस्पताल में बदइंतजामी दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। यहां के डॉक्टरों की फितरत में सुधार नहीं हो रहा है। जिला अस्पताल में गिनती में तो डेढ़ दर्जन डॉक्टर हैं, लेकिन वर्किंट टाइम में आधा दर्जन डॉक्टर भी मौजूद नहीं रहते। सोमवार की एक बार फिर अव्यवस्था खुलकर सामने आई। दरअसल सोमवार को मुरली कंजी के मरीज रविवार की रात सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए थे। दोनों मरीजों की हालत गंभीर थी। उनके परिजन बद्रीनाथ टंडन समेत अन्य लोग दोनों गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती कराए थे। रात को मरीजों को जैसे तैसे इलाज किया गया, लेकिन सोमवार की सुबह मरीजों की सुनने वाला कोई नहीं था। इसके कारण उसके परिजन परेशान थे। मरीजों की हालत हर बिगड़ते जा रही थी, लेकिन डॉक्टरों का पता नहीं था।

आखिरकार थक हारकर परिजन सीधे बिलासपुर रेफर का कागजात तैयार करा लिए। पहले तो उन्होंने जिला अस्पताल के गेट के सामने जमकर हंगामा मचाया। डॉक्टरों को खरी खोटी सुनाई फिर अपने निजी साधन से सिम्स रेफर हो गए। मरीज के परिजन बद्रीनाथ टंडन ने यहां के डॉक्टरों पर सीधे लापरवाही का आरोप लगाया। क्योंकि एक मरीज की हालत बेहद गंभीर थी और जिला अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं थे। बद्रीनाथ ने बताया कि आरएसबीवाय कार्ड लेकर वे दर-दर भटक रहे थे, लेकिन यहां आरएसबीवाय कार्ड अपडेट करने वाला कोई नहीं था। सारे के सारे स्टॉफ जिला अस्पताल से नदारद था। जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई थी।
छह डॉक्टर थे प्रभावित
जिला अस्पताल के सूत्रों का कहना था कि छह डॉक्टरों में दो डॉक्टरों की ड्यूटी कृमि दिवस होने के कारण कुष्ठ आश्रम सोंठी में आश्रम में लगाई गई थी। दो डॉक्टर आयुष्मान भारत योजना के कामकाज की मॉनिटरिंग के लिए सिटी डिस्पेंशरी जांजगीर में लगाई गई थी। वहीं दो डॉक्टर रविवार की रात नाइट ड्यूटी किए थे इस कारण उनकी सोमवार को छुट्टी थी। ऐसे में छह.छह डॉक्टर बाहर होने से यहां की स्थिति चरमरा गई थी। इसके चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
-सोमवार को दो तीन इवेंट होने के कारण कई डॉक्टरों का काम-काज प्रभावित हुआ, लेकिन जिला अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टर थे। आखिर मरीजों का क्या परेशानी हुई इसका पता लगाया जाएगा- डॉ. यूके मरकाम, प्रभारी सीएस
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