यहीं कारण था कि ज्यादातर मतदान केन्द्रों में सन्नाटा पसरा रहा। पत्रिका की टीम ने मतदान केन्द्रों का जायजा लिया तो कई केन्द्र बंद मिले। वहीं कई केन्द्रों में बीएलओ काम करते भी दिखे। रविवार को दोपहर 2 बजे डाइट के मतदान केन्द्र में ताला लगाकर बीएलओ गायब हो गए थे। जबकि सदर में दोपहर सवा बजे तक एक भी आवेदन नहीं आ सका था। वहीं नवीन स्कूल में बीएलओ सुबह से पहुंच चुके थे, जहां नाम जुड़वाने व कटवाने के लिए लोगों का लाइन लगा चुका था। इसी तरह बीडी उपनगर केन्द्र में भी ताला लटका रहा। वहां भी बीएलओ गायब था।
गट्टानी स्कूल में भी लटका रहा ताला
जिला मुख्यालय के गट्टानी स्कूल में भी दोपहर 2 बजे ताला लटका रहा। दोबारा फिर 2.30 बजे पहुंचने पर बीएलओ गेट के सामने मिला। उससे नाम जोड़वाने के लिए बोला गया, तो उनका कहना था कि स्कूल का चपरासी चाबी लेकर कहीं चला गया है इसलिए स्कूल में ताला लटक रहा है। सुबह से पिं्रसिपल व शिक्षकों का चक्कर लगा रहा हूं। चाबी नहीं होने के कारण ताला लटका है। सामने में खड़ा होकर इंतजार कर रहा हूं। लेकिन 15 मिनट बाद फिर पहुंचे तो वहां से बीएलओ फिर गायब मिला।
पुरूष मतदाताओं की संख्या ज्यादा
जिले में वर्तमान में 6 लाख 47 हजार पुरूष मतदाता व 6 लाख 20 हजार 99 महिला मतदाता है। लोकसभा चुनाव के लिए नाम जोडऩे, काटने व संशोधन के लिए स्पेशल कैंप से पहले 41 हजार से अधिक आवेदन जोडऩे के लिए आए थे। इसी तरह नाम कटवाने 14 हजार 372 आवेदन कटवाने के लिए आए थे।
निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचे कोई अधिकारी
जिला मुख्यालय में ही निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण काम का हाल बेहाल है। जिला मुख्यालय में कई केन्द्रों में बीएलओ गायब दिखे। वहीं इस महत्वपूर्ण काम के लिए भी कोई अधिकारी निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचे थे। जिससे इनकी मजमर्जी चल रही है। जिला मुख्यालय का यह हाल है तो ग्रामीण क्षेत्र का क्या होगा इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।