उल्लेखनीय है कि एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री (CM) भूपेश बघेल ने इसकी घोषणा की थी। आचार संहिता खत्म होने के बाद इस घोषणा पर विभाग द्वारा अब अमल करना शुरू कर दिया गया है। 26 मई को आचार-संहिता खत्म हुई। जिसके बाद से लेकर सारी प्रक्रियाएं शुरू कर दी गई थीं।
आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक के बाद एक चलती बस से कूदने लगीं महिलाएं, यात्रियों के बीच मच गया हड़कंप, फिर जो हुआ, पढि़ए पूरी खबर… महिला व बाल विकास विभाग (Department of Women and Child Development) ने विवाह में राशि खर्च के संबंध में जो मापदंड तय किए हैं, उनके मुताबिक विवाह आयोजन व परिवहन व्यवस्था के लिए पांच हजार रुपए व्यय होंगे। इसमें पंडाल भवन किराया, प्रति जोड़ा 20 अतिथियों के लिए भोजन एवं नाश्ता, बैठक व्यवस्था, विवाह की फोटो एवं प्रमाण-पत्र भी शामिल है।
विवाह में उपहार सामग्री पर व्यय के लिए 20 हजार रुपए दिए जाएंगे। इसमें चांदी का मंगल सूत्र, वर-वधु के कपड़े, श्रृंगार सामग्री, जूते -चप्पल, चुनरी, साफा आदि पर पांच हजार, वधु को बैंक ड्राफ्ट के लिए एक हजार रूपए, अन्य उपहार के लिए अधिकतम 14 हजार रुपए मिलेंगे।
इस साल का लक्ष्य तय नहीं
बता दें, जिले में हर साल महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गरीब कन्याओं (Poor girls) के हाथ पीले किए जाते हैं। इसके लिए परियोजना वार सामूहिक शादी का आयोजन विभाग करता है। हालांकि इस साल चुनावी माहौल के चलते अब तक कितने जोड़ों का विवाह इस साल कराना है इसका लक्ष्य नहीं मिला है। इधर, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि हर परियोजना वार जोड़े ढूंढऩे का लक्ष्य देकर काम किया जाता है। अगर लक्ष्य से अधिक भी जोड़े मिल जाते हैं तो उन्हें भी लाभ दिया जाता है।
– कन्या विवाह योजना की राशि 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दी गई है। इसी मापदंड में अब सारी प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी। जोड़ों का लक्ष्य अभी नहीं मिला है। वैसे विभाग द्वारा इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है- बसंत मिंज, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी जांजगीर-चांपा