scriptNRC will now have 20 beds in the district hospital | जिला अस्पताल में अब 20 बेड का होगा एनआरसी | Patrika News

जिला अस्पताल में अब 20 बेड का होगा एनआरसी

locationजांजगीर चंपाPublished: Jan 17, 2023 07:58:56 pm

Submitted by:

Anand Namdeo

जिला अस्पताल के ऊपरी तल में वर्तमान में दस बेड का पूरक पोषण आहार केंद्र (एनआरसी ) संचालित हो रहा है। ऐसे में यहां और दस बेड का एनआरसी बनाने की तैयारी की जा रही है। इससे यहां २० बेड हो जाएंगे और एक साथ २० कुपोषित बच्चों का इलाज हो पाएगा।

जिला अस्पताल में अब 20 बेड का होगा एनआरसी
जिला अस्पताल में अब 20 बेड का होगा एनआरसी
जांजगीर-चांपा. वर्तमान में दस बेड होने से माहभर में २० बच्चों का ही इलाज हो पाता है क्योंकि एक बच्चे को १५ दिन रखा जाता है। वहीं बेडों की संख्या २० हो जाने से एक माह में ४० बच्चों का इलाज हो पाएगा। जिले में कुपोषण को जड़ से खत्म करने जिला प्रशासन के द्वारा दस बेड के और एनआरसी बनाने की मंजूरी दी है। जिला अस्पताल परिसर में आइसोलेशन वार्ड के लिए नई बिल्डिंग बनकर तैयार है। इसी में एनआरसी को शुुरु करने की तैयारी अस्पताल प्रबंधन के द्वारा की जा रही है।
गौरतलब है कि कुपोषित बच्चों को बेहतर इलाज और देखभाल के लिए अस्पतालों में एनआरसी सेंटर बनाए गए हैं। यहां शिशु चिकित्सक की देखरेख में कुपोषित बच्चों को भर्ती कर बेहतर इलाज मुहैया कराया जाता है। साथ ही १५ दिनों तक रखकर पोषण आहार भी खिलाया जाता है ताकि बच्चा कुपोषण की गिरफ्त से बाहर निकल जाए। इसके लिए बच्चों के साथ मां भी रहती है जिसे शासन की ओर से एक निश्चित राशि भी दी जाती है।
जिले में २८०० बच्चे गंभीर कुपोषित
महिला एवं बाल विकास विभाग के वर्तमान वजन त्योहार रिपोर्ट के अनुसार जिले में अभी भी २८०० बच्चे गंभीर कुपोषण की चपेट में है। बता दें, आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों का रिकार्ड दर्ज किया जाता है और यहां कुपोषित और मध्यम कुपोषित बच्चों को जहां गर्म भोजन, रेडी टू ईट व केला-अंडा दिया जा रहा है। वहीं एनआरसी में भी ऐसे बच्चों को भेजकर इलाज कराने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी गई है। ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे कुपोषण से सुपोषित हो सके।

जिला अस्पताल में वर्तमान में दस बेड का एनआरसी संचालित है। जिसे अब २० बेड का किया जा रहा है। परिसर में बने आइसोलेशन वार्ड के नई बिल्डिंग में एनआरसी का संचालन किया जाएगा। जिला प्रशासन की मदद से जल्द से जल्द इसे शुरु करने तैयारी कर रहे हैं।
डॉ. एके जगत, सिविल सर्जन
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