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ठेकेदार को फायदा पहुंचाने कलेक्टर को गुमराह कर रहे अधिकारी

locationजांजगीर चंपाPublished: Jun 16, 2018 05:36:08 pm

Submitted by:

Shiv Singh

पीजी पीरियड में मरम्मत न कराकर पहुंचाएंगे लाखों का फायदा

पीजी पीरियड में मरम्मत न कराकर पहुंचाएंगे लाखों का फायदा

पीजी पीरियड में मरम्मत न कराकर पहुंचाएंगे लाखों का फायदा

जांजगीर-चांपा. जिले में जितने भी शासकीय विभाग निर्माण का कार्य कराते हैं उनके विभाग प्रमुख चंद रुपए की लालच में ठेकेदारों के इशारे पर काम कर रहे हैं।

हालत यह है कि ठेकेदार के द्वारा घटिया निर्माण करने पर तो वह उस कार्य को पास कर देते हैं और जब परफार्मेंस गारंटी (पीजी) पीरियड के दौरान कार्य खराब हो जाता है तो उसका समय पर मरम्मत भी इसलिए नहीं कराते कि किसी तरह पीजी का समय समाप्त हो जाए तो ठेकेदार को लाखों का फायदा पहुंचे और वह लोग उस कार्य का दोबारा से टेंडर निकालकर जनता के पैसों का बंदरबांट कर सकें।

हद तो तब हो गई जब जिले में हाल ही में नवपदस्थ कलेक्टर नीरज बंसोड़ को भी अधिकारी सही जानकारी देना जरूरी नहीं समझ रहे हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब दो बड़े कार्यों के खराब होने पर उसकी मरम्मत न कराकर कलेक्टर से दोबारा नए कार्य का टेंडर निकालने की अनुमति लेने के प्रयास किया गया। दोनों सड़क निर्माण के कार्य एक करोड़ से महज कुछ लाख कम के कार्य हैं।
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दोनों सीसी रोड में इतना स्तरहीन कार्य किया गया है कि वह सड़के चलने लायक नहीं है और अधिकारी अब उन सड़कों को नए सिरे बनवाने की बात कह रहे हैं, जबकि हकीकत में यह सड़क पीजी के दौरान खराब हुई हैं तो इसकी मरम्मत कार्य ठेकेदार की विभाग के पास जमा पूंजी से कराया जाना चाहिए।


कलेक्टोरेट बाईपास
यह सड़क नगर पालिका द्वारा दो साल पहले बनवाई गई थी। इस सड़क के माध्यम से लोग एनएच का खतरा मोल न लेते हुए सीधे कलेक्टोरेट कालोनी से होते हुए कलेक्टोरेट, एसपी कार्यालय, जिला कोर्ट, जिला पंचायत और जिला अस्पताल तक पहुंच सकते हैं। सड़क बनने के एक साल के भीतर ही इतनी खराब हो गई कि उसमें बड़ी-बड़ी दरारें आ गई और आज तक इसका मरम्मत कार्य नहीं कराया गया।

गुरुवार को परिषद की बैठक में पार्षद प्रिंस शर्मा द्वारा इस संदर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में नगर पालिका सीएमओ सुशील चंद्र शर्मा ने बताया कि कलेक्टर ने टीएल बैठक में इस सड़क के चौड़ी करण के लिए टेंडर लगाने बात कही है,
लेकिन जब उनसे पूछा गया कि यह कार्य पीजी पीरियड में खराब हुआ तो कलेक्टर को क्यों जानकारी नहीं दी गई और ठेकेदार से निर्माण क्यों नहीं कराया जा रहा तो इस संदंर्भ में उनका कहना है कि इसकी जानकारी नहीं दी गई, ऐसा है तो ठेकेदार की पीजी राशि जब्त की जाएगी। सीएमओ का यह जवाब पूरी तरह हास्यात्पद है और यह दर्शाता है कि यदि इसकी जानकारी कलेक्टर को हो गई तो कई अधिकारी संदेह के घेरे में आ जाएंगे।
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एमएमजीएसवाय की रोड
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जिला पंचायत मोड़ से लेकर पेंड्री मोड़ तक ८४.३० लाख रुपए की लागत से बनी सीसी रोड़ महज एक साल के भीतर फटने लगी, लेकिन अधिकारियों ने इसकी समय पर मरम्मत नहीं कराई। हालत यह है कि आज तीन साल भी पूरे नहीं हुए और यह सड़क पूरी तरह से दरारों से अट गई है।

यदि विभाग के ईई एसडी मारतंडेय गारंटी पीरियड में ठेकेदार मेसर्स लैंडमार्क से इसकी मरम्मत करवाते तो यह सड़क आज भी बेहतर होती है। इतना ही नहीं जब इस संदर्भ में ईई से चर्चा की गई तो उन्होंने भी बताया कि यह सड़क काफी महत्वपूर्ण है और इसके चौड़ीकरण कार्य के टेंडर की तैयारी की जा रही है।
नई सड़क बनने से यह समस्या खत्म हो जाएगी। जब उनसे ठेकेदार को सीधा लाभ पहुंचाने की बात कही गई तो उन्होंने कहा कि आप कह रहे हैं तो वह ठेकेदार से मरम्मत करवा देंगे, लेकिन उनके इस जवाब से साफ पता चलता है कि शायद वह निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अपनी कोई जवाबदारी नहीं समझते हैं।

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