scriptकैंप में ५० फीसदी स्कूली बसें ही पहुंची, फिटनेस व कई खामियां निकली | Only 50 percent school buses reached the camp, fitness and many flaws | Patrika News

कैंप में ५० फीसदी स्कूली बसें ही पहुंची, फिटनेस व कई खामियां निकली

locationजांजगीर चंपाPublished: Jun 30, 2022 09:49:21 pm

Submitted by:

Anand Namdeo

बुधवार को पुलिस लाइन जांजगीर में आरटीओ व यातायात विभाग ने निजी स्कूलों बसों की जांच की गई। शिविर में सवा सौ से अधिक वाहनों को आना था लेकिन गिनती की गाडिय़ां ही जांच में पहुंची। सक्ती, चंद्रपुर, डभरा क्षेत्र की गाडिय़ां पहुंची ही नहीं। एक-दो स्कूलों ने ही गाडिय़ां भेजी। स्कूल संचालकों ने दूरी का हवाला देकर गाडिय़ां नहीं भेजी।

कैंप में ५० फीसदी स्कूली बसें ही पहुंची, फिटनेस व कई खामियां निकली

कैंप में ५० फीसदी स्कूली बसें ही पहुंची, फिटनेस व कई खामियां निकली

जांजगीर-चांपा. आरटीओ विभाग के रिकार्ड में जिलेभर में सवा सौ से अधिक छोटे-बड़े स्कूल वाहन हैं। सभी को जांच के लिए आज आना था लेकिन कैंप में ५० फीसदी ही गाडिय़ां पहुंची। सक्ती, चंद्रपुर, डभरा, मालखरौदा क्षेत्र की गाडिय़ां पहुंची ही नहीं। संचालकों ने आने-जाने में ही ४० से ५० हजार रुपए का डीजल-पेट्रोल जल जाने का हवाला दे दिया।
इधर जो गाडिय़ां जांच के लिए पहुंची उनमें भी अधिकांश में कई तरह की खामियां निकली, अधिकतर वाहन फिटनेस में फेल हो गए। कुल १६ पैरामीटर में जांच की गई। कई गाडिय़ों में अग्निशमन यंत्र खराब था तो कई गाडिय़ों में जीपीएस सिस्टम नहीं मिला। आरटीओ व पुलिस विभाग के अधिकारियों ने बारी-बारी से वाहनों में उपलब्ध सुविधाओं की जांच की और रिकार्ड में दर्ज किया। वाहन चालकों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए यहां कैंप लगा जिसमें कई वाहन चालक अनफिट निकले। आंखों में कमजोरी व बीपी, शुगर के मरीज निकले। जांच के दौरान जिला परिवहन अधिकारी आनंद शर्मा, टैफिक डीएसपी संदीप मित्तल समेत आरटीओ व पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी व जवान मौजूद थे।
सीसीटीवी कैमरे लगे पर चालू नहीं
सालभर में एक बार जांच उसमें भी दिखी खानापूर्ति
स्कूली बसों की जांच सालभर में एक ही अधिकारी करते हैं, उसमें भी खानापूर्ति नजर आती है। बुधवार को भी जांच के दौरान कई बिंदुओं को जांच कर रहे जवानों ने चालकों के द्वारा भरोसा दिलाए जाने पर ऐसे ही मान लिया। सामने खड़े होकर जांच नहीं कराई। वाहनों को चलाकर नहीं देखा तो कि स्पीड गर्वनर वर्क कर रहा या नहीं। अग्निशमन यंत्र एक्सायरी तो नहीं हो गया है आदि कई बिंदुओं को हल्क में लेते नजर आए।
सीसीटीवी कैमरे मिले खराब
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार स्कूली बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य है। जांच में अधिकांश गाडिय़ों में सीसीटीवी कैमरे लगे तो मिले पर कई गाडिय़ों के कैमरे चालू हालत में नहीं थे।
जंग लगे मिले अग्निशमन यंत्र
स्कूली वाहन में अग्निशमन यंत्रा होना भी अनिवार्य है। जांच में पहंची गाडिय़ों में अग्निशमन यंत्र तो मिले तो खराब स्थिति में। इस्तेमाल करने से भी उपयोग नहीं हो पा रहे थे। ऐसे में आपात स्थिति में ये कोई काम नहीं आएंगे।
एक अंतिम मौका दिया जाएगा
कैंप में मौजूद आरटीओ अफसरों ने बताया कि जांच में जो भी खामियां वाहनों में मिली है उसे १५ दिनों के भीतर दूर करने स्कूल संचालकों को निर्देशित किया जाएगा। इसी जो वाहन आज जांच के लिए नहीं पहुंचे हैं उन्हें एक और मौका दिया जाएगा। फिर से एक कैंप लगाएंगे। इसके बाद भी जो कोताही बरतेंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।
इन १६ बिंदुओं में हुई जांच
१ बस पीले रंग की होनी चाहिए २. खिड़कियों में जाली ३. फस्र्ट एर्ड बाक्स व अग्नि शमन यंत्र ४. बच्चों को संभालने प्रशिक्षित हेल्पर ५. बैग रखने पर्याप्त जगह ६. स्पीड गर्वनर सिस्टम ७. आपातकालीन गेट ८. दरवाजों में लॉक सिस्टम ९. कांच में रंगीन फिल्म नहीं लगी हो १०. प्रेशर हार्न न हो ११. बस की नियमित सफाई व मेंटनेंस १२. उपयुक्तता प्रमाण पत्र १३. इंश्योरेंस, पीयूसी टैक्स प्रमाण पत्र १४. वाहन १२ साल से ज्यादा पुरानी न हो १५. सुरक्षा उपाय जांचने व अभिभावक व शिक्षक को जाने की अनुमति १६. चालक का स्वास्थ्य परीक्षण
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