गौरतलब है कि नगरपालिका में बड़े दिनों बाद सामान्य सभा की बैठक हुई। जिसमें प्रतिपक्ष के नेता रामवविलास राठौर, प्रिंस शर्मा सहित अन्य पार्षदों ने शहर विकास को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए जमकर हंगामा किया। उन्होंने बताया कि शहर की समस्या सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। अधूरे काम अधूरे ही पड़े हैं। सीएमओ किसी के सुनते नहीं। पानी की समस्या मुंहबाएं खड़ी है। वार्डों की समस्या जस की तस पड़ी है।
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कर्मचारी संघ के कैलेंडर का हुआ विमोचन, मुख्य अतिथि चंदेल ने अपने उद्बोधन में कहा कुछ ऐसा, पढि़ए खबर… वार्डों की समस्या सुलझाने सीएमओ ने अपने कार्यकाल में 17 माह में कुछ नहीं किया है। पार्षदों ने सीएमओ से पूूछा कि 17 माह के कार्यकाल में क्या किया, जिससे शहर की रूप रेखा बदली है। सीएमओ दिनेश कोसरिया लोगों को जवाब देते रहे। उनके समर्थन में नगरपालिका अध्यक्ष मालती देवी रात्रे भी सामने आती रही, लेकिन समस्याओं पर किसी तरह के विचार नहीं किया गया। बैठक में वार्डों में विकास कार्य को लेकर चर्चा की गई। जिसमें प्रमुख रूप से अग्निशमन वाहन का हस्तांतरण की स्वीकृति, वार्डों में पाइप लाइन का विस्तार, सरदार पटेल उद्यान में पटेल की आदमकद प्रतिमा स्थापित करने अनुमति, पालिका के राजस्व विभाग में वार्षिक ठेका आय के नीलामी के संबंध में विचार विमर्श की गई।
इसी तरह वार्डों में नाली निर्माण, निस्तारी तालाबों में मछली पालन रोकने पर विचार, वार्ड नंबर 14 स्थित मार्ग का नामकरण रामशरण सिंह चंदेल करने पर स्वीकृति, नैला स्टेशन परिसर में 12 सीटर शौचालय का निर्माण एवं पुष्पवाटिका निर्माण कराने स्वीकृति के संबंध में प्रस्ताव पर चर्चा की गई।
इसके अलावा गृह निर्माण मंडल के भवनों नगरपालिका क्षेत्र में समावेश करने पर निर्णय लेने, दैनिक सब्जी बाजार को साप्ताहिक बुधवारी बाजार स्थल में स्थानांतरण पर स्वीकृति पर विचार किया गया। इस तरह 15 बिंदुओं में विचार विमर्श किया जाएगा। कई कार्यों का पार्षदों ने जमकर विरोध किया। वहीं कई पार्षदों ने केवल कागजों में विकास करने की बात कही। नगरपालिका की बैठक गुरुवार की सुबह 12 बजे से शुरू हुई तो दोपहर तीन बजे तक चली। बैठक में नगर के सभी 25 वार्ड के पार्षद व एल्डरमेन उपस्थित थे।