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बनाहिल में हो रहा अवैध ईंट भट्ठे का संचालन, खनिज विभाग के अधिकारी मौन

locationजांजगीर चंपाPublished: Mar 08, 2019 05:44:06 pm

Submitted by:

Rajkumar Shah

उदासीन: जिम्मेदार अधिकारी को कार्रवाई करने तक की फुरसत नहीं

उदासीन: जिम्मेदार अधिकारी को कार्रवाई करने तक की फुरसत नहीं

बनाहिल में हो रहा अवैध ईंट भट्ठे का संचालन, खनिज विभाग के अधिकारी मौन

पकरिया. अकलतरा विकासखंड अंतर्गत बनाहिल गांव में अवैध र्इंट भटठे का संचालन किया जा रहा है। क्षेत्र में राजस्व और खनिज विभाग की मेहरबानी या अनदेखी के चलते क्षेत्र में अवैध ईंट भटठे जोरों पर है जबकि ईट बनाने के लिए पर्यावरण विभाग से अनुमति लेना जरूरी है। अनुमति के बगैर ईंट बनाना गैरकानूनी है लेकिन क्षेत्र में ऐसे सैकड़ों छोटे-छोटे भटठे का संचालन अवैध रूप से किया जा रहा है। इससे ना सिर्फ पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि राजस्व की भी हानि हो रही है एवं पानी मिट्टी व राखड़ का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसके कारण लगातार भू-जल स्तर गिरता जा रहा है। जिले के विभिन्न विकासखंड में भी ईट भटठे का अवैध रूप से संचालन किया जा रहा है।
क्या है नियम
ईंट भट्ठा आबादी से 200 मीटर दूर होना चाहिए। खनन के लिए खनन विभाग की अनुमति जरूरी पर्यावरण लाइसेंस और प्रदूषण विभाग से एनओसी जारी होना चाहिए। ईट भटठे चलाने के लिए जिला पंचायत प्रदूषण विभाग और पर्यावरण विभाग से अनुमति लेना आवश्यक होता है और प्रदूषण का मानक भी तय होता है। लेकिन जिला के अधिकारों का अपना ही कानून और नियम है जिसे साफ जाहिर होता है कि अवैध ईंट भटठे संचालक और अधिकारी की मिली भगत से सारा खेल खेला जा रहा है।

खनिज जांच चौकी के पास अवैध ईंट भटठे
बनाहिल में ही खनिज विभाग की जांच चौकी भी स्थापित है लेकिन खनिज जांच चौकी होने के बावजूद भी अवैध ईंट भटठे का संचालन हो रहा है। इस ओर खनिज विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं देते। जब ईट लेकर कोई ट्रैक्टर वहां से गुजरती है तो खनिजा चौकी में जांच करने वाले अधिकारी 200 से 500 लेकर गाड़ी को चलता कर देते हैं। लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं करते जिसके कारण ही भटठे संचालक की मनमानी जोरों पर है और वह मोटी कमाई कर शासन के नियमों की धÓिजयां उड़ा रहे हैं। अपनी तिजोरी भर रहे हैं।

बाल मजदूरों से लिया जा रहा काम
भटठे संचालक केवल पर्यावरण और खनिज विभाग के नियमों का ही धÓिजया नहीं उड़ा रहे हैं, बल्कि बाल मजदूर कानून को भी ठेंगा दिखा रहे हैं।

नियम की उड़ा रहे हैं धÓिजयां
वायु को प्रदूषित करने और जमीन की उर्वरा शक्ति को कम करने में ईट भटठे अहम भूमिका निभा रहे हैं। भटठे प्रदूषण ना फैलाएं इसके लिए उनके संचालक का नियम काफी सख्त रखा है। ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी ने बगैर पर्यावरण सर्टिफिकेट के ईंट भट्टे का संचालन पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद भटठे संचालक ना पर्यावरण की चिंता कर रहे हैं और ना ही सामाजिक सरोकार का निर्वहन किया जा रहा है। विकास खंड स्तर से जिला स्तर तक के अधिकारी की उदासीनता इन्हें संदेह के घेरे में खड़ा कर रहे हैं।
अवैध ईंट भट्ठों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। फिर भी मैदानी अमले को कार्रवाई के लिए कहा जाएगा।
केके गोलघाटे, जिला खनिज अधिकारी

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