ईंट भट्ठा आबादी से 200 मीटर दूर होना चाहिए। खनन के लिए खनन विभाग की अनुमति जरूरी पर्यावरण लाइसेंस और प्रदूषण विभाग से एनओसी जारी होना चाहिए। ईट भटठे चलाने के लिए जिला पंचायत प्रदूषण विभाग और पर्यावरण विभाग से अनुमति लेना आवश्यक होता है और प्रदूषण का मानक भी तय होता है। लेकिन जिला के अधिकारों का अपना ही कानून और नियम है जिसे साफ जाहिर होता है कि अवैध ईंट भटठे संचालक और अधिकारी की मिली भगत से सारा खेल खेला जा रहा है।
खनिज जांच चौकी के पास अवैध ईंट भटठे
बनाहिल में ही खनिज विभाग की जांच चौकी भी स्थापित है लेकिन खनिज जांच चौकी होने के बावजूद भी अवैध ईंट भटठे का संचालन हो रहा है। इस ओर खनिज विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं देते। जब ईट लेकर कोई ट्रैक्टर वहां से गुजरती है तो खनिजा चौकी में जांच करने वाले अधिकारी 200 से 500 लेकर गाड़ी को चलता कर देते हैं। लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं करते जिसके कारण ही भटठे संचालक की मनमानी जोरों पर है और वह मोटी कमाई कर शासन के नियमों की धÓिजयां उड़ा रहे हैं। अपनी तिजोरी भर रहे हैं।
बाल मजदूरों से लिया जा रहा काम
भटठे संचालक केवल पर्यावरण और खनिज विभाग के नियमों का ही धÓिजया नहीं उड़ा रहे हैं, बल्कि बाल मजदूर कानून को भी ठेंगा दिखा रहे हैं।
केके गोलघाटे, जिला खनिज अधिकारी