मालखरौदा ब्लॉक के ग्राम पिहरीद में बोरवेल में गिरे बच्चे को निकालने के लिए प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है। फिर भी 8 इंच की दूरी में टीम को पूरे दिन लग गए। रविवार की रात तक पूरा 65 फीट खुदाई का काम तो पूरा हो गया था। इसके बाद सोमवार की सुबह से सुरंग खोदना शुरू किया गया। शाम तक पूरा हो गया, लेकिन 8 इंच सुरंग को रात के बाद दूसरे पूरे दिन तक खोदा नहीं जा सका।
इसका प्रमुख कारण यह है कि राहुल उस विशाल चट्टान के दूसरे ओर मौजूद है। अगर थोड़ी सी जल्दीबाजी की गई तो राहुल के लिए खतरा साबित हो सकता है। इसलिए टीम द्वारा बहुुत सावधानी से काम किया जा रहा है। सुबह 8 बजे मशीन से ड्रील किया गया, कुछ मात्र चट्टानों को कटाई कर वाइब्रेटर चलाया गया।
ड्रील के चट्टान काटने के बाद मलबा हटाने की कार्रवाई की गई। करीब 10.15 बजे रेस्क्यू दल ने अंतिम कार्रवाई सुरंग के भीतर शुरू की। बल्ली ले जाकर एक स्टक्चर खड़ा किया गया। वाइब्रेटर से राहुल के नीचे के पत्थर को छिलने जैसा किया गया। एनडीआरएफ सावधानी के साथ यह कार्य कर रही है। इसी दौरान कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला ने अवलोकन किया। सुरंग के भीतर काम तेजी से चल रहा है। बेस बना ली गई थी।
कलेक्टर ने टीम को बहुत ही सावधानी से काम करने के निर्देश दिए। इसके बाद एक और चट़्टान आ गया। अब इस चट्टान के लिए फिर से कड़ी मशक्कत की जा रही है। टीम को विषम परिस्थिति में काम करना पड़ रहा है। उन्हें विश्वास है कि जल्दी ही वह अपने काम को पूरा कर लेगी।
मजबूत चट्टान दूसरी बार राह में बनी रोड़ा
राहुल को निकालने के बीच चट्टाने बार-बार रोड़ा बन रही हैं। चट्टानों को काटने का काम जल्दी से जल्दी किया जा रहा है। विषम परिस्थिति में राहुल को बाहर निकालने के लिए जंग में टार्च की रोशनी में भीतर चट़्टानों को ड्रील मशीन से काटने के लिए झुककर, घुटने के दम पर काम किया जा रहा है।
इसके बाद शाम 5 बजे सेना की ओर से बताया गया कि एनडीआरएफ जवानों को आराम देने के लिए सेना व बीएसएफ के जवानों ने कमान संभाली है। यह एक ज्वाइंट ऑपरेशन है। उन्होंने बताया कि सवाल बच्चे की जिंदगी का है, ऐसे में चट़्टान को तोडऩे के लिए सख्त रूख नहीं अपना सकते। इधर जिला प्रशासन द्वारा बाहर पूरी तैयारी कर ली गई है। राहुल के बाहर निकलते ही तत्काल अपोलो अस्पताल एंबुलेंस से ले जाया जाएगा।
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टीम ने राहुल के सुरक्षित होने का आश्वासन दिया, NDRF की टीम पहुंच चुकी बहुत ही नजदीक राहुल ने सुबह से कुछ नहीं खाया
इधर राहुल पिछले 100 घंटे से बोरवेल में जिंदगी और मौत से लड़ रहा है। मंगलवार की सुबह उसको फ्रूटी दी गई, लेकिन राहुल ने नहीं पी। पूरे दिन में राहुल ने कुछ भी नहीं खाया। इससे राहुल कमजोर हो गया। हालांकि कलेक्टर का बयान आया कि राहुल अभी पूरी तरह से स्वस्थ है।
कुछ नहीं खाने से थोड़ा कमजोर जरूर हुआ है, लेकिन हिम्मत नहीं हारी है। हालांकि शाम को खाने के लिए राहुल ने इशारा किया। यह ट्वीट मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी किया। उन्होंने कहा कि राहुल स्वस्थ है, अभी खाने के लिए इशारा किया है। मामला संवेदनशील है, इसलिए रेस्क्यू टीम सावधानी से आगे बढ़ रही है।
एनडीआरएफ अफसर चोटिल
राहुल तक पहुंचने के लिए टनल बनाने के लिए काम में लगे एनडीआरएफ के कमांड इन चीफ वर्धमान मिश्रा चोटिल हो गए। डॉक्टर ने मौके पर उनका उपचार किया और वे फिर से काम में लग गए हैं। वर्धमान मिश्रा के ऊपर ही ऑपरेशन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि काम किसी हालत में रुकना नहीं चाहिए।