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आठ दिन शेष, 16 हजार किसान अब तक नहीं बेच पाए धान, बेमौसम बारिश से खरीदी ठप

locationजांजगीर चंपाPublished: Feb 04, 2020 07:57:51 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

Paddy News : धान खरीदी शुरू होने के बाद से अब तक कई बार हो चुकी है बारिश

आठ दिन शेष, 16 हजार किसान अब तक नहीं बेच पाए धान, बेमौसम बारिश से खरीदी ठप

आठ दिन शेष, 16 हजार किसान अब तक नहीं बेच पाए धान, बेमौसम बारिश से खरीदी ठप

जांजगीर-चांपा. बार-बार हो रही बेमौसम बारिश के चलते किसानों को धान बेचने भारी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। बारिश होते ही धान खरीदी बंद कर दी जा रही है। मंगलवार को हुई बेमौसम बारिश से फिर एक बार खरीदी बंद कर दी गई। अभी भी 16 हजार पंजीकृत किसान धान नहीं बेच पाए हैं। अब उनके पास धान बेचने केवल 8 दिन ही शेष हैं।
इस बार मौसम किसानों को दगा दे रहा है। धान खरीदी शुरू होने के बाद से अब तक कई बार बारिश हो चुकी है और हर बार खरीदी ठप हुई है। मंगलवार को फिर ऐसी ही स्थिति बनी। सुबह 12 बजे से बारिश होने के बाद फिर से खरीदी ठप पड़ गई, इससे किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। धान बेचने केंद्र पहुंचे किसानों का धान भी भीग गया।
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आठ दिन शेष, 16 हजार किसान अब तक नहीं बेच पाए धान, बेमौसम बारिश से खरीदी ठप
उल्लेखनीय है कि अब तक धान खरीदी के बीच में ही आधा दर्जन से ज्यादा बार बेमौसम बारिश हुई है, इसके चलते सोसायटियों में धान खरीदी बंद करनी पड़ी है। इस चक्कर में धान बेचने से लेकर टोकन कटाने तक किसानों को हलाकान होना पड़ा। स्थिति यह है कि अभी भी पंजीकृत 16 हजार किसानों का धान खरीदना शेष बचा है लेकिन मौसम की मार इसी तरह पड़ती रही तो शायद तय समय तक किसान धान नहीं बेच पाएंगे और धान बेचने से वंचित रहे जाएंगे। शासन 15 फरवरी तक ही धान खरीदेगी।
शनिवार और रविवार को खरीदी नहीं होगी। ऐसे में 8, 9 और 15 फरवरी को वैसे भी खरीदी बंद रहेगी। जिससे कुल 8 दिन ही किसानों को धान बेचने का समय बचा है। इधर बारिश के चलते बुधवार से खरीदी शुरू हो जाएगी, यह भी संभव नजर नहीं आ रहा।

बेमौसम बारिश से फिर भीगा करोड़ों का धान
मंगलवार को हुई बेमौसम बारिश से फिर खरीदी केंद्रों में व्यवस्था चरमरा गई। खुले आसमान के नीचे रखे करोड़ों का धान फिर भीग गया। केंद्रों में पानी भर जाने से धान के बोरे डूबे नजर आए। अब तक 1 लाख 73 हजार किसानों से 72 लाख 76 हजार क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। जबकि उठाव 45 लाख क्विंटल धान का हुआ है। 27 लाख क्विंटल धान अभी भी जाम पड़ा हुआ है। मार्कफेड समय पर परिवहन नहीं कर पाया।

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