गणेशोत्सव को लेकर सजने लगे पंडाल, विशेष योग में 19 को विराजेंगे गणपति
जांजगीर चंपाPublished: Sep 13, 2023 09:02:06 pm
गणेश चतुर्थी पर 19 सितंबर को रवि योग, वैधृति योग, स्वाति नक्षत्र व विशाखा नक्षत्र में गणपति बप्पा घर-घर विराजेंगे। 28 सितंबर अनंत चतुर्दशी तक 10 दिनों तक शहर में गणेशोत्सव की धूम रहेगी। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। पंडालों में स्थापना के लिए गणेश प्रतिमाओं को कलाकार अंतिम रूप देने में जुटे हैं। मंदिरों में भी इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। मूर्तिकार भगवान श्रीगणेश की प्रतिमाओं को कई नए स्वरुपों में आकार दे रहे हैं।


गणेशोत्सव को लेकर सजने लगे पंडाल, विशेष योग में 19 को विराजेंगे गणपति
जांजगीर-चांपा. समितियां भी श्रीगणेश की स्वागत में जुट गए हैं। पंडाल की भव्यता के लिए रंग-बिरंगी झालर लाइटों के साथ ही आसपास के क्षेत्र की साज-सज्जा का काम शुरू हो गया है। पंडाल और श्रीगणेशजी की प्रतिमा श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगी।
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि इस बार 19 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन से गणेशोत्सव प्रारंभ होगा। इसके लिए दो माह से शहर में कोलकाता और स्थानीय मूर्तिकार छोटी-छोटी मूर्तियों के साथ ही विघ्नहर्ता की बड़ी प्रतिमाओं को आकार दे रहे हैं। अधिकांश छोटी प्रतिमाएं तैयार की जा चुकी है। बड़ी प्रतिमाओं को आकार देने का काम अंतिम चरण पर है। बच्चों से लेकर सार्वजनिक गणेशोत्सव समितियों के सदस्य भगवान श्रीगणेश की बुकिंग कराने के लिए मूर्तिकारों के पास पहुंच रहे हैं। प्रतिमाओं को लेकर बच्चे, युवा सहित अन्य वर्गों में खासा उत्साह है। घर-घर में जहां अभी से श्रीगणेश स्थल को सजाने की तैयारी शुरू कर दी है। समितियों ने विघ्नहर्ता के पंडाल को भव्य रुप देने का काम प्रारंभ कर दिया है। शहर के नैला रेलवे स्टेशन के सामने, कचहरी चौक, केरा रोड, शारदा चौक, चांपा मार्ग व ग्रामीण क्षेत्रों में पंडाल की सजावट होने लगी है।
महंगाई का असर, 10 फीसदी बढ़े दाम
महंगाई का असर प्रतिमाओं पर पड़ रहा है। पिछले साल की अपेक्षा इस बार प्रतिमा 10 फीसदी बढ़ गए हैं। नैला में कोलकाता से पहुंचे मूर्तिकार ने बताया कि मिट्टी परिवहन का किराया, बास, सुतली से लेकर रंग-रोगन, सजावटी वस्त्र भी महंगे हो गए हैं।इस बार ऑर्डर भी कम है। जितने भी मूर्तियां बना रहे हैं बिना ऑर्डर के है। अभी लोग केवल पूछने और कीमत पता करने आ रहे हैं। गणेशोत्सव शुरु होने के एक-दो पहले ही अधिकतर मूर्तियां बिकती है।