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Video- निजी स्कूलों में पार्ट टाइम सेवा दे रहे हैं शिक्षाकर्मी, जानें एक विषय के पीछे कितना कमाते हैं ये

locationजांजगीर चंपाPublished: Jul 12, 2018 06:00:01 pm

Submitted by:

Shiv Singh

– सरकार की मानें तो शिक्षाकर्मियों को केवल अपने ही स्कूल के बच्चों के शिक्षा का स्तर बढ़ाना है और वे निजी स्कूलों में सेवा नहीं दे सकते

निजी स्कूलों में पार्ट टाइम सेवा दे रहे हैं शिक्षाकर्मी, जानें एक विषय के पीछे कितना कमाते हैं ये

निजी स्कूलों में पार्ट टाइम सेवा दे रहे हैं शिक्षाकर्मी, जानें एक विषय के पीछे कितना कमाते हैं ये

जांजगीर चांपा. शहर के अधिकांश प्राइवेट स्कूल शिक्षाकर्मियों के भरोसे संचालित हो रही है। अधिकांश शिक्षाकर्मी बतौर पार्ट टाइम जॉब निजी स्कूलों में सेवा दे रहे हैं। इसके एवज में उन्हें प्रत्येक सब्जेक्ट के पीछे तीन से चार हजार रुपए महीना मानदेय दिया जा रहा है। बहुत से शिक्षाकर्मी ऐसे हैं जो विषय के व्याख्याता हैं और सुबह शाम की पाली के आधार पर निजी स्कूलों में सेवा देते हैं।
यदि उनका सरकारी स्कूल में उनकी क्लास सुबह लगती है तो शाम को निजी स्कूल में पढ़ाते हैं। वहीं यदि शाम को सरकारी स्कूल में क्लास है तो सुबह निजी स्कूलों में सेवा देते हैं। इतने में भी उनका मन नहीं भरता तो वे शाम को ट्यूशन क्लासेस में भी समय देते हैं। जबकि यह सिस्टम पूरी तरह से गलत है। सरकार की मानें तो शिक्षाकर्मियों को केवल अपने ही स्कूल के बच्चों के शिक्षा का स्तर बढ़ाना है और वे निजी स्कूलों में सेवा किसी भी सूरत में नहीं दे सकते।
शिक्षाकर्मियों की आर्थिक दशा को सुदृढ़ करने सरकार ने उन्हें संविलियन की सौगात भले ही दे दी है, लेकिन शिक्षाकर्मियों की फितरत में सुधार नहीं हो रहा है। आज भी ५० फीसदी शिक्षाकर्मी बेमन काम कर रहे हैं या फिर पार्ट टाइम जॉब। यही वजह है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर नहीं बढ़ रहा है। सरकार जहां शिक्षा में सुधार की बात करती है, वहीं शासकीय पद पर पदस्थ होने के बावजूद शिक्षाकर्मी बच्चों को स्कूल में भगवान भरोसे छोड़ चंद रुपयों की लालच में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इस प्रकार देखा गया है कि शहर के दर्जनों प्राइवेट स्कूलों में शिक्षाकर्मी अध्यापन कार्य करा रहे हैं। इसके अलावा वे ट्यूशन भी दे रहे हैं। अपने पदस्थ स्थान में न जाकर वे दोहरा लाभ ले रहे हैं। दूसरी ओर प्राइवेट स्कूल के संचालक शिक्षाकर्मियों के बदौलत स्कूल संचालित कर रहे हैं।
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