आपको बता दें कि इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये कुछ अज्ञात साइबर अटैकर वैश्विक स्तर पर जासूसी करने की कोशिश कर रहे हैं। इसकी पुष्टि खुद व्हॉट्सएप ने की है। भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने इस बारे में खुद व्हॉट्सएप को पत्र लिखकर जवाब देने को कहा था। इस पर व्हॉट्सएप ने जवाब दिया है कि एक इजराइल की निगरानी करने वाली कंपनी ने पेगासस नाम का ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसके जरिए अज्ञात इकाइयां इसका उपयोग जासूसी के लिए करीब 1,400 लोगों फोन पर कर चुकी हैं।
क्या है स्पाईवेयर स्पाईवेयर यह एक तरह का वायरस है। यह कंप्यूटर या मोबाइल फोन में चुपचाप रहते हुए सीक्रेट डेटा पर नजर रखता है और जरूरी सूचनाओं को हैकर्स तक भेजता है। स्पाईवेयर इन्फेक्शन को पहचानना बहुत मुश्किल नहीं है। वायरस इन्फेक्शन के गंभीर रूप लेने से पहले कंप्यूटर में कई संकेत दिखाई देते हैं, बस समय पर इसे पहचानने की जरूरत है।
इस तरह के संकेतों से रहे अलर्ट 1- कंप्यूटर की स्पीड अचानक धीमी जाए तो इसका मतलब है कि कंप्यूटर की मेमरी और सीपीयू वायरस या स्पाईवेयर की चपेट में है। 2- यदि आपके ब्राउजर का होमपेज अपने आप बदल जाए तो कंप्यूटर में किसी स्पाईवेयर के हमले की आशंका बढ़ जाती है। यदि इंटरनेट ब्राउजर चालू करने पर अपने आप कोई पेज उसमें खुल जाए तो कंप्यूटर की जांच करवाना चाहिए।
3- कंप्यूटर बार-बार जाम या अचानक हैंग होने लगे तो यह स्पाईवेयर हमले के कारण हो सकता है। 4- इंटरनेट ब्राउजर को चालू करते ही उसमें एक के बाद एक कई पॉप अप विंडोज खुलने लगे तो यह स्पाईवेयर अटैक के चलते हो सकता है।
5- कंप्यूटर की किसी ड्राइव या डेस्कटॉप पर कई ऐसे फोल्डर दिखाई देते हैं जिन्हें आपने नहीं बनाया। उनके अंदर ऐसी फाइलें होती हैं, जो किसी सॉफ्टवेयर के इंस्टॉलेशन से बनीं होती हैं। डिलीट करने के बाद फिर से वह फाइलें आ जाती हैं।
6- कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन पर ऐसे मेसेज बॉक्स दिखाई देते हैं, जिसमें लिखा होता है कि कंप्यूटर पर वायरस या स्पाईवेयर का हमला हुआ है। 7- अजीब किस्म के आइकन दिखाई देने लगते हैं। उसे खोलने पर तेजी से अश्लील वेबसाइट्स खुलना शुरू हो जाती हैं।
8- ई-मेल एकाउंट में ऐसे क्लाइंट्स के मैसेज दिखते हैं, ज्हिें आप न तो जानते हैं और न ही कभी उसे आपने कोई मेल भेजा है। केस वन मेरे मोबाइल को भी हैक करने की कोशिश की गई थी। मुझे इसकी जानकारी मेरे फोन पर 21 अक्टूबर को आए मैसेज के जरिए हुई। मैसेज में जानकारी दी गई कि मेरे फोन को मई में हैक करने की कोशिश की गई थी। मुझे भी इस पर पूरा विश्वास हुआ क्योंकि अप्रैल मई में मेरे फोन पर व्हॉट्सएप के जरिए कई वीडियो मिसकॉल आए थे। बाद में पता चला कि इसी वीडियो कॉलिंग के जरिए फोन हैक करने की कोशिश की गई थी। सबसे बड़ी बात यह है कि इसे लेकर भारत सरकार चिंतित नहीं है। कोई दूसरे देश का आदमी ऐसा करके भारतियों की निजता का हनन कर रहा है उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रहा है। हमारी सुरक्षा और टेक्नोलॉजी कुछ नहीं कर पा रही है। यह चिंता का विषय है।
केस टू एक महीने पहले यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो की एक सिटिजन लैब से मैसेज आया था कि एक स्पाई वेयर सॉफ्टवेयर है, जिसे इजराइली कंपनी बनाती है। उससे मेरे फोन को हैक करने की कोशिश की गई है। व्हॉट्सएप कॉलिंग के जरिए ऐसा हुआ है। भारत में और भी कई नंबरों में ऐसा हुआ है। अगर मदद की आवश्यकता हो तो वह हेल्प कर सकते हैं। इसके बाद उन्होंने २९ अक्टूबर को एक ऑफिसियल मैसेज भी भेजा है।