बिन पानी के नहर में10-10 फीट के पेड़ पौधे, कागजों में हो गई मरम्मत
नवागढ़ ब्लाक के माइनर नहरों में १०-१० फीट के पेड़ पौधे व घांस फूंस उग आए हैं। इधर सिंचाई विभाग कागजों में मरम्मत कर दी है। ऐसे में किसानों के माथे में इस बात की चिंता की लकीरें उभर आई है कि आखिर उन्हें १० जुलाई के बाद सिंचाई सुविधा के लिए पानी कैसे मिलेगी।
जांजगीर चंपा
Published: June 27, 2022 09:42:14 pm
जांजगीर-चांपा। इधर, ग्रामीणों ने नहर में साफ-सफाई के लिए कार्यपालन अभियंता से अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा है। नहरों की सफाई नहीं होने की स्थिति में चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी है।
महंत, धुरकोट, धनेली, कुटरा, मेहदा सहित आधा दर्जन गांवों में माइनर नहर की स्थिति बेहद खराब है। सालों से नहर की मरम्मत नहीं होने से गांव के किसान परेशान हैं। क्योंकि जिन नहरों के पानी से सिंचाई होती है उन्हीं नजरों में १०-१० फीट के पेड़ पौधे उग आए हैं। जिससे नहर से पानी टेल एरिया तक नहीं पहुंच पाता। जिसके चलते किसानों को दिया तले अंधेरा की कहावतों से जूझना पड़ता है। किसानों का कहना है कि इस समस्या से कई बार अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंप चुके हैं लेकिन एसडीओ इस दिशा में कारगर कदम नहीं उठाते। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। ग्राम महंत के धु्रवेश सिंह ने इस संबंध में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर बता चुके हें। महंत माइनर नहर क्रमांक ४ में गोसाई तालाब से घुठिया मार्ग लगभग लंबाई १८४० मीटर तक नहर की स्थिति बेहद खराब है।
85 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में नहीं पहुंचता पानी
क्षेत्र के लगभग ८५ हेक्टेयर कृषि रकबे में ढंग से सिंचाई नहीं हो पाती। जिसके चलते किसानों को सूखे की मार का सामना करना पड़ता है। टेल एरिया में किसानों को पानी नहीं मिलने से किसानों के बीच सिर फुटौव्वल की स्थिति निर्मित होती है। किसानों ने बताया कि विगत २० वर्षों से नहर की मरम्मत नहीं हो पाई है। जिसके चलते किसानों को सूखे की मार झेलनी पड़ रही।
सूचना के अधिकार की भी नहीं दे रहे जानकारी
महंत के किसान धु्रवेश सिंह ने बताया कि उन्होंने १८ जनवरी २०२२ को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी कि विगत १५ वर्षों में नहर की कितनी बार मरम्मत कराई गई। यदि मरम्मत कराई गई तो कितने बार कराई गई। मरम्मत का कार्य किस ठेकेदार ने कराया और कितनी राशिक खर्च की गई। इन सभी ८ बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई लेकिन आज तक इस संबंध में किसी ने जवाब नहीं दिया। इस संबंध में पत्रिका ने २७ जून को संबंधित क्षेत्र के एसडीओ डीएल खूंटे को फोन से उनका पक्ष जानना चाहा लेकिन फोन नहीं उठाना उनके आदतों में सुमार है। आज तक न किसी कर्मचारियों का फोन उठाते और न ही किसी मीडिया पर्सन का।

बिन पानी के नहर में10-10 फीट के पेड़ पौधे, कागजों में हो गई मरम्मत
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