एक पक्ष उद्योग खुलने के लिए ग्राम पंचायत से एनओसी दे दी है वहीं दूसरा पक्ष उद्योग का विरोध करते हुए गांव में भूख हड़ताल पर बैठ गई है। इन सब बातों को लेकर गांव का माहौल पूरी तरह से तनाव भरा हो चुका है, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बनी हुई है। दुर्भाग्य यह भी है कि कलेक्टर एसडीएम दफ्तर के सामने यदि कोई भूख हड़ताल पर बैठकर आंदोलन करे, एसपी कार्यालय का घेराव करे और प्रशासन मूकदर्शक बनी रहे तो इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है।
कुछ इसी तरह के हालात बम्हनीडीह ब्लाक के गौरव ग्राम अफरीद में बन रहे हैं। अफरीद में उद्योग के विरोध में ग्रामीण पिछले दो माह से आंदोलन कर रहे हैं। लगातार कलेक्टर एसडीएम के सामने प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
प्रशासन की आंखे नहीं खुली तो गांव में महिला जागरण समिति की महिलाएं भूख हड़ताल पर भी बैठ गईं हैं, लेकिन प्रशासन को इससे कोई सरोकार नहीं है। जबकि यहां प्रतिशोध की आग दिन ब दिन सुलग रहे हैं, लेकिन प्रशासन को यहां बम फूटने का इंतजार है। इसके बाद पुलिस प्रशासन यहां आग बुझाने पहुंचेगी। दरअसल यहां हुआ यह है कि जमड़ी नाला अफरीद की भूमि में चांपा के अरविंद अग्रवाल द्वारा शुभ सिरामिक्स नाम की कंपनी खोलने जा रही है। इसके लिए ग्राम पंचायत ने आम सभा में गुपचुप तरीके से एनओसी जारी कर दिया। जबकि ग्राम सभा में इसके लिए प्रस्ताव पारित नहीं हुआ है।
विरोधी पक्षों का आरोप है कि सरपंच ने प्रस्ताव रजिस्टर में खाली स्थान छोड़कर बाद में उद्योग के प्रस्ताव को भरा है। जिसे लेकर ग्राम जागरण महिला समिति की महिलाएं द्वारा लगातार उद्योग खुलने का विरोध करती आ रहीं हैं और वे गांव के आदिवासी चौक में भूख हड़ताल पर बैठ गईं हैं। इससे पुलिस व प्रशासन को कोई सरोकार नहीं है।
आम सभा में हुई दोनों पक्षों में झड़प
बीते दिवस गौरव ग्राम के सूर्यवंशी मोहल्ले में आम सभा का आयोजन किया गया। जिसमें गांव के सैकड़ो लोग मौजूद थे। ग्राम सभा में उद्योग के एजेंडे को लेकर सरपंच ने आम सहमति की बात कही, लेकिन विरोधी पक्ष के लोग उद्योग के विरोध में हंगामा कर दिया। हंगामे के बाद सरपंच लता राठौर आम सभा को छोड़कर अपने घर लौट रही थी, लेकिन ग्रामीण महिलाएं आम सभा को छोड़कर भागने का आरोप लगाते हुए उसे रोका।
इसके बाद तनाव का माहौल हो गया। दोनों पक्षों के बीच झूमाझपटी भी हुई। इसके बाद ग्राम जागरण महिला समिति ने रात को ही सारागांव थाने का घेराव कर दिया। महिलाओं का आरोप था कि सरपंच व उसके पति द्वारा दलित महिलाओं से दुव्र्यवहार किया है। जिसकी रिपोर्ट लिखी जाए। वहीं दूसरे दिन सरपंच लता राठौर व उसका पति रामेश्वर सिंह राठौर भी सारागांव थाने में रिपोर्ट लिखाने पहुंच गए। सारागांव पुलिस ने दोनों पक्षों की रिपोर्ट लिखने के लिए अपने उच्चाधिकारियों से राय मांगा है,
लेकिन अब तक अधिकारियों ने इस दिशा में अपनी राय नहीं दी है। जिसके चलते गांव के हालात दिन ब दिन बिगड़ रहे हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन को इससे कोई सरोकार नहीं है। जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि शायद गांव में पुलिस को बलवा का इंतजार है।
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इस तरह किया चरणबद्ध आंदोलन
-१६ मई को सरपंच के घर के बाहर कीर्तन भजन करते हुए धरना प्रदर्शन
-२३ मई को अनापत्ति प्रमाण पत्र को रद्द कराने एसडीएम कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन
-३० मई को कचहरी चौक में किया धरना प्रदर्शन
-६ जून से आदिवासी चौक में क्रमिक भूख हड़ताल किया जा रहा
-उद्योग खुला तो करेंगे विधान सभा चुनाव का बहिस्कार
-गौरव ग्राम अफरीद में उद्योग के विरोध को लेकर ग्राम सभा में दो पक्षों में मारपीट की रिपोर्ट आई थी, मामले की जांच की जा रही है। विवाद में जातिगत गाली गलौच का मामला सामने आया था। इसकी जांच की जा रही है।
-उदयन बेहार, एसडीओपी चांपा