scriptकोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा पुलिसकर्मी किसी योद्धा से कम नहीं, अपना फर्ज निभाने हर घड़ी तैयार हैं कर्मवीर | Policeman fighting war against Corona is no less than a warrior | Patrika News

कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा पुलिसकर्मी किसी योद्धा से कम नहीं, अपना फर्ज निभाने हर घड़ी तैयार हैं कर्मवीर

locationजांजगीर चंपाPublished: Apr 07, 2020 01:45:17 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

Coronavirus: कोरोना के खिलाफ पूरा विश्व जंग लड़ रहा है। इस जंग में शामिल पुलिसकर्मी किसी योद्धा से कम नहीं। देश की सीमा पार हो या गली कूचों के चौक-चौराहों में तैनात जवानों का कार्य काबिले तारीफ है।

कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा पुलिसकर्मी किसी योद्धा से कम नहीं, अपना फर्ज निभाने हर घड़ी तैयार हैं कर्मवीर

कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा पुलिसकर्मी किसी योद्धा से कम नहीं, अपना फर्ज निभाने हर घड़ी तैयार हैं कर्मवीर

जांजगीर-चांपा. पुलिसकर्मी अपने घर परिवार की चिंता छोड़कर इस महामारी से निपटने चौबीसों घंटे सड़क के चौक चौराहों पर डटे हुए हैं। पत्रिका ने जब इनके कामकाज के बारे में रिपोर्टिंग की, तो जवानों ने कहा कि लोगों की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी बड़ी है। इन्हें न तो कोरोना का डर और न ही पारा 36 का भय।
अफसरों की फरमान मानी और चौक-चौराहों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए हमारे जवान डटे हुए हैं। हर कोई घर परिवार छोड़कर चौक-चौराहों पर डटा हुआ है। भले ही इधर घर के लोगों को इस बात की चिंता सताते रहती है कि कहीं हमारे जवानों को भी कोरोना अपने गिरफ्त में ना ले ले। लेकिन मौत के इस खौफ को भी किनारा कर जवान कोरोना को मात देने डटे हुए हैं।

कचहरी चौक में ड्यूटी निभा रहे जवान मुकेश राठौर ने बताया कि वह सुबह से लेकर शाम तक चौक में ड्यूटी कर रहा है। जबकि उसके घर में मां की तबीयत बेहद खराब है। उसने बताया कि हमें तो सरकार के आदेशों का पालन करना है। एक ओर लॉक डाउन के दौरान चुस्त पुलिसिंग की कमान की जिम्मेदारी है, तो वहीं दूसरी ओर मां के स्वास्थ्य की चिंता सताते रहती है।
शहर के बीटीआई चौक में ड्यृटी कर रहे केशव साहू ने बताया कि उन्हें घर परिवार की नहीं बल्कि कोरोना के चलते सुरक्षा व्यवस्था की अधिक चिंता रहती है। उन्होंने बताया कि दिन में अपराध पेंडेंसी की चिंता खाए जा रही है। वहीं रात को सुरक्षा व्यवस्था के लिए बीटीआई चौक में ड्यूटी करना होता है। उन्होंने बताया कि उनके पास अपराधों की पेंडेंसी भी रहती है। ऐसे में उन्हें कोरोना में सुरक्षा व्यवस्था को अधिक ध्यान दे रहे हैं।

गांवों में पहरेदारी कठिन
पुलिस वाले कर्मवीरों ने बताया कि शहर के लोगों में जागरूकता रहती है, लेकिन गांव के लोगों में जागरूकता की कमी रहती है। लोग अभी भी घरों से निकल रहे हैं और लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं।
कोतवाली के प्रधान आरक्षक आलोक मिश्रा ने बताया कि जब गश्त के दौरान गांवों की ओर जाते हैं तो लोग घरों के बाहर ही दिखते हैं। ऐसे लोगों को समझाइश देकर घर के अंदर रहने कहा जाता है। फिर भी लोग नहीं मानते।

समय मिला तो निपटा रहे पेंडेंसी
पुलिस ने बताया कि कोरोना की ड्यूटी के अलावा हर पुलिसकर्मियों के कंधों में पेंडेंसी की भी चिंता सताते रहती है। क्योंकि चोरी, लूट, डकैती, मारपीट के अलावा दर्जनों अपराधों की पेंडेंसी निपटाने का जिम्मा उनके कंधों पर रहता है। ऐसे दौर में वे रात्रि गश्त करते हैं। फिर दिन में कोरोना की वजह से लॉक डाउन में चौक चौराहों में ड्यूटी करते हैं। आपको बता दें कि कोरोना की ड्यूटी के अलावा हर पुलिसकर्मियों को पेंडेंसी निपटाने की जिम्मेदारी भी है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो