scriptRain became barren, paddy crop in the grip of drought | बैरन बनी बारिश, सूखे की चपेट में धान की फसल | Patrika News

बैरन बनी बारिश, सूखे की चपेट में धान की फसल

locationजांजगीर चंपाPublished: Aug 28, 2023 09:45:36 pm

इन दिनों बारिश नहीं होने से किसानों के माथे में चिंता की लकीरें बलवती होते जा रही है। सिंचाई के लिए नहर में पानी छोड़ा गया है, लेकिन नहर का पानी टेल एरिए तक नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों को सिंचाई की समस्या से जूझना पड़ रहा। मॉनीटरिंग के लिए सिंचाई विभाग का अमला गांवों में नहीं पहुंचती। इसके कारण किसानों को सूखे की समस्या सामने दिखाई दे रही है।

बैरन बनी बारिश, सूखे की चपेट में धान की फसल
बैरन बनी बारिश, सूखे की चपेट में धान की फसल
जांजगीर-चांपा। खासकर बलौदा ब्लाक के हरदी महामाया सहित आधा दर्जन ंगांवों में फसल सूखे की चपेट में है।
सावन के अंतिम दिनों में भी जेठ सी गर्मी का एहसास हो रहा। क्षेत्र में पिछले कई दिनों से बारिश नहीं होने से किसानों का खेत सूखने की कगार पर है। नहर में पानी छोड़ दिया गया है, लेकिन पानी टेल एरिया तक नहीं पहुंच रहा। सिंचाई के लिए बनाई गई नहर में लाइनिंग कार्य केवल कागजों में होने से किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं हो पा रहा। खासकर बलौदा, मालखरौदा, डभरा, जैजैपुर, सक्ती क्षेत्र के किसानों को पानी की चिंता सबसे अधिक सता रही है। किसानों की परेशानी तब बढ़ जा रही है जब हेड एरिया के किसान नहर को बांधकर पानी का मुंह मोड़ रहे हैं। ग्राम हरदी के किसान मनोज साहू ने बताया कि क्षेत्र में अब तक केवल तीन दिन बारिश हुई है। केवल तीन दिनों के पानी के भरोसे किसान खेती किसानी किए हैं। क्षेत्र में नहर का जाल फैला जरूर है, लेकिन नहर की उंचाई नीचे होने के कारण सिंचाई नहीं हो पाती। ऐसे में बोर के पानी से या फिर नहर में मोटरपंप लगाकर अपासी कराई जा रही है।
हेड एरिया में दबंगों का कब्जा
कई गांवों में सिंचाई विभाग द्वारा नहर में पानी दिया जा रहा, लेकिन हेड एरिया में दबंगों का कब्जा है। उनके इशारों में पंडे सिंचाई का काम करते हैं। वहीं जिनके पास मोटर पंप है वे जैसे तैसे अपने खेतों में सिंचाई करने जुटे हुए हैं। जिनसे पैसे मिलते हैं उनके खेतों में सिंचाई होती है। जिनसे पैसा नहीं मिलता उनके खेत सूखे रह जाते हैं। खेतों में पानी नहीं होने से धान के पौधे मुरझा रहे हैं। दबंगों के कारण टेल एरिया के किसानों को नहर का लाभ नहीं मिल रहा। यदि विभागीय अधिकारियों द्वारा मानीटरिंग नहीं की गई तो सैकड़ो किसानों को सूखे की समस्या से जूझना पड़ेगा।
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