डायल 112 की मदद से राजेन्द्र व मासूम को कोतवाली थाना ले जाया गया। जहां पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। विवेचना पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय को प्रस्तुत किया गया। यहां विशेष न्यायाधीश उदयलक्ष्मी सिंह परमार ने शांति नगर जांजगीर निवासी राजेन्द्र राजपूत को धारा 6 लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत 20 साल का सश्रम कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड की राशि नहीं पटाने पर तीन माह के अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिया गया। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक चंद्रप्रताप सिंह ने पैरवी की।