गरीबों के लिए उनका राशन कार्ड किसी जेवर या महंगी वस्तु से कम नहीं है। गरीब वर्ग के लोग आज इस कार्ड को गिरवी रख सेठ साहूकारों से बतौर कर्ज मोटी रकम लेते हैं। वहीं साहूकार या सूदखोर इस राशन कार्ड का इस्तेमाल कर हर महीने एक रुपए की दर पर सोसायटी से राशन उठाता है और बाजार में इसे महंगे दामों में बिक्री कर देता है।
सोसायटी के शटर का ताला तोड़कर छह बोरा शक्कर समेत अन्य राशन सामान ले गए चोर इस तरह का काला कारोबार हर सोसायटी में देखने को मिल जाएगा। कुछ इसी तरह की शिकायत शनिवार को जांजगीर के कोतवाली के बगल वाली सोसायटी में देखने को मिला। यहां का एक व्यक्ति लगभग आधा दर्जन राशन कार्ड लेकर आया और एक क्ंिवटल से अधिक चावल लेकर चलते बना। इस संबंध में उससे पूछताछ की गई तब उसका कहना था कि उसके पास कार्ड है इसलिए राशन का उठाव कर रहा है।
हितग्राही हो रहे योजना से वंचित
सरकार के चावल योजना का लाभ हितग्राहियों को नहीं मिल पा रहा है। इसके पीछे जिम्मेदार हितग्राही ही हैं। क्योंकि वे गरीबी के चलते अपना राशन कार्ड को गिरवी रख देते हैं। वहीं इसका लाभ सेठ साहूकार या सूदखोर उठा रहे हैं। इससे शासन की योजना से हितग्राही वंचित हो रहे हैं, वहीं सरकार के पास इसकी ठोस शिकायत नहीं मिलने की वजह से योजना में पलीता लग रहा है।
आदर्श गौठान में नौ गायों की मौत से अधिकारियों के बीच मचा हड़कंप एक रुपए का चावल बिकता है 20 से 25 रुपए किलो में
सोसायटी से मिलने वाला एक रुपए किलो का चावल बाजार में 20 से 25 रुपए में खप रहा है। आज भी 50 फीसदी सोसायटी में इस तरह का गोरख धंधा चल रहा है। सूदखोरों का सोसायटी के सेल्समेन से चोली दामन का साथ होता है। सेल्समेन से साठगांठ कर सूदखोर थोक में राशन सामान उठाते हैं और बाजार में महंगे दामों में बिक्री कर देते हैं।
लखन लाल के पास थोक में कार्ड था। इसलिए उसे एक क्ंिवटल चावल दिया है। बाहर में वह चावल को क्या कर रहा है इससे मुझे कोई मतलब नहीं है। शत्रुहन पांडेय, सेल्समेन जांजगीर
हमें इस तरह गलत कार्यों की शिकायत मिली है। इसके पीछे जिम्मेदार खुद हितग्राही है। जांजगीर में इस तरह की शिकायत मिली है। इसकी सोमवार को जांच कराएंगे। मनोज त्रिपाठी, सहायक जिला खाद्य अधिकारी