अवैध निर्माण को वैध करने जिले में जल्द फिर से चलेगा नियमितिकरण कानून
नगर निवेश क्षेत्रों में अवैध रुप से बने घर-मकान, कालोनियों और व्यवसायिक प्रतिष्ठान को नियमित करने जिले में एक बार फिर से नियमितिकरण अभियान चलेगा। इसके लिए जल्द ही कांग्रेस सरकार नियमितिकरण कानून लागू करने वाली है, जैसा २०१६ में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने किया था।
जांजगीर चंपा
Published: June 26, 2022 08:13:14 pm
जांजगीर-चांपा. इसकी प्रक्रिया राज्य स्तर पर चल ही रही है। जल्द ही पूरे प्रदेश में एक साथ सभी जिलों में इसे लागू करने की तैयारी है। इसके बाद नगर निवेश क्षेत्र में जितने भी अवैध निर्माण हुए हैं उन्हें भू-मालिक पेनाल्टी लेकर नियमित करा पाएंगे। वहीं विभाग भी सर्वे कराकर ऐसे लोगों को चिन्हांकित कर कार्रवाई करेगी। जांजगीर-चांपा जिले की बात करें तो यहां १९ निवेश क्षेत्र हैं। यहां भी इन चार-पांच सालों में काफी अवैध निर्माण हुए हैं। इन्हें नियमित करने एक बार फिर से मौका मिलने वाला है। बताया जा रहा है कि नियमितिकरण कानून को जुलाई-अगस्त माह से लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद आवेदन मंगाकर उन्हें नियमितिकरण किया जाएगा।
इस बार नियमितिकरण कानून में दो नए बदलाव
बताजा रहा है कि बीजेपी सरकार द्वारा २०१६ से पूर्व हुए अवैध निर्माणों को नियमित करने इसे लागू किया था। नियमितिकरण कानून में इस बार कांग्रेस सरकार ने कुछ बदलाव किए हैं। पहला अब लैंड यूज बदलने जमीन के सरकारी भाव का ५ प्रतिशत राशि देनी पड़ेगी। लैंड यूज चेंज यानी कृषि भूमि को आवासीय भूमि में बदलना होता है। नियमितिकरण में सबसे ज्यादा मामले इसी के चलते लटकते हैं। इस बार इसमें संशोधन किया गया है। वहीं पार्किंग वाइलेसन को इसमें शामिल किया गया है। २०११ के बाद जो निर्माण हुए हैं उनमें पार्किंग की जगह भी छूटी होनी चाहिए। तभी नियमितिकरण की प्रक्रिया पूरी होगी। हालांकि इस नियम में भवन मालिकों को काफी बड़ी पेनाल्टी लग रही है। इसीलिए इसमें कुछ और भी छूट देने का प्रावधान सरकार बना सकती है।
अवैध निर्माण १२० वर्गफीट से ज्यादा तो देना होगा इतना जुर्माना
१९८४ से १ अगस्त २०१६ से पूर्व हुए अवैध निर्माण को नियमितिकरण करने पेनाल्टी राशि तय की गई थी। आवासीय के लिए इसमें १२० वर्गमीटर तक कोई शुल्क नहीं था। १२० से २४० वर्गमीटर पर १२५ रुपए, २४० से ३६० वर्गमीटर तक २०० रुपए और ३६० वर्गमीटर से अधिक पर ३०० रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से नियमितिकरण शुल्क तय है। वहीं व्यवसायिक व गैर आवासीय के लिए १०० वर्गमीटर तक भवन अनुज्ञा शुल्क का १६ प्रतिशत, १०० से २०० वर्गमीटर तक २१ गुना, २०० से ३०० वर्गमीटर तक २६ गुना, ३०० से ४०० वर्गमीटर तक ३१ गुना, ४०० से ५०० वर्गमीटर तक ३६ गुना, ५०० से ६०० वर्गमीटर तक ४१ गुना, ६०० से ७०० वर्गमीटर तक ४६ गुना और ७०० वर्गमीटर से अधिक होने पर ५१ गुना भवन अनुज्ञा शुल्क तय है।
पेनाल्टी देने पर ही वैध होंगे अवैध निर्माण
नियमितिकरण को लेकर जांजगीर-चांपा जिले में विभागीय प्रक्रिया चल रही है। २०१६ से पूर्व बने मकानों का नियमितिकरण करने २०१७-१८ में अभियान चलाया गया था। इस दौरान जिले में भी अवैध निर्माणों को नियमित करने अभियान चला था। इसमें काफी संख्या में अवैध निर्माणों को नियमित किया गया था लेकिन इसके बाद भी काफी मामले पेडिंग रह गए। काफी लोगों ने पेनाल्टी जमा नहीं की। ऐसे लोगों को अब फिर से नोटिस जारी किया जाएगा और पेनाल्टी लगाई जाएगी।
भविष्य में लोगों को बिजली, पानी सड़क की सुविधा मिलेगी
बढ़ते अवैध प्लाटिंग को रोकने के उद्देश्य से नियमितिकरण कानून को लागू किया जा रहा है। क्योंकि जमीन दलाल कृषि भूमि को टुकड़ों में काट-काटकर और लोग जमीन खरीद लेते हैं लेकिन अवैध प्लाटिंग होने की वजह से डायवर्सन नहीं हो पाता और नक्शा पास नहीं होता। लोग किसी तरह नपा से भवन अनुज्ञा ले लेते हैं लेकिन नगर निवेश से बिल्डिंग बनाने का परमिशन नहीं लेते और मकान तान देते हैं। ऐसे मकान नगर निवेश के रिकार्ड में अवैध रहते हैं। इसी वजह से नपा बिजली, पानी, सड़क देने बाध्य नहीं रहती। अगर नियमितिकरण हो जाता है तो नपा को यह सभी सुविधा देना ही पड़ेगा।
वर्जन
नगर निवेश क्षेत्र में नए सिरे से नियमितिकरण किया जाएगा। हालांकि अभी इसकी प्रक्रिया फिलहाल राज्य स्तर पर चल रही है। राज्य सरकार से आदेश आने के बाद नियमित करने कार्रवाई की जाएगी। प्रक्रिया संभवत: जुलाई-अगस्त तक शुरु होने की उम्मीद है।
तमेश्वर देवांगन, सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जांजगीर-चांपा

अवैध निर्माण को वैध करने जिले में जल्द फिर से चलेगा नियमितिकरण कानून
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